धर्मांतरण मामला : मौलाना के ट्रस्ट खाते में बहरीन देश से आये 1.5 करोड़ रुपये

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एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा- 15 सालों से कर रहा धर्म परिवर्तन का कार्य

भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट संचालित कर रहा था मौलाना कलीम



लखनऊ, 22 सितम्बर (हि.स.)। धर्मांतरण के मामले में मेरठ से गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण के कार्य में 15 सालों से लिप्त है। वह विभिन्न प्रकार की शौक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की आड़ में भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट संचालित करता है। देशव्यापी स्तर पर धर्मांतरण कराने के लिए विदेशों से भारी फंडिंग की जा रही है। वह गैर मुस्लिमों को गुमराह करके, डराकर धर्मांतरित करता है और फिर उन्हें भी दावा के लिए तैयार कराता है।

मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद बुधवार को उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने प्रेसवार्ता करके बताया कि मुजफ्फनगर के फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी विदेशों से हो रही फंडिंग से धर्मांतरण का कार्य सुनियोजित तरीके से कर रहा था, जिसमें देश के कई नामी लोग और संस्था शामिल हैं। यह तथ्य भी प्रमाणित हुआ है कि वह भारत का सबसे बड़ा धर्मांतरण सिंडिकेट संचालित करता है। गैर मुस्लिमों को गुमराह करके, डराकर धर्मांतरित करता है।

ट्रस्ट चलाने के साथ मदरसों में करता था फंडिंग

एडीजी ने बताया कि जांच में पता चला है कि मौलाना कलीम जामिया इमाम वलीउल्ला नाम से एक ट्रस्ट भी चलाता है। देश भर में सामाजिक सौहार्द के कार्यक्रम की आड़ में भिन्न-भिन्न प्रकार के लालच देकर अवैध धर्मांतरण का सिंडिकेट चलाता है। खुद का ट्रस्ट चलाने के अलावा वह तमाम मदरसों को भी फंडिंग करता है। इसके लिए मौलाना को विदेशों से भारी धनराशि हवाला व अन्य माध्यम से भेजी जाती थी। मौलाना इन मदरसों की आड़ में इंसानियत के संदेश देने के बहाने लोगों को जन्नत और जहन्नुम जैसी बातों का लालच व डर दिखाकर इस्लाम स्वीकारने के लिए प्रेरित करते हैं और बाद में इन लोगों को प्रशिक्षित कर शैक्षणिक कर अन्य लोगों को धर्मांतरण कराने के लिए प्रेरित करते थे।

ट्रस्ट के खाते में 3 करोड़ के फंडिंग के साक्ष्य

एटीएस को मौलाना के ट्रस्ट के खाते में अब तक की जांच से कुल तीन करोड़ रुपये की फंडिंग के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं जबकि खाते में एकमुश्त 1.5 करोड़ रुपया बहरीन देश से आया है। इस मामले में भी मौलाना से पूछताछ की जा रही है।

57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी

एटीएस ने 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया था। इस संबंध में एक मुकदमा भी दर्ज हुआ है। इसमें मुख्य आरोपित उमर गौतम और इसके साथियों को ब्रिटिश आधारित संस्था से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी, जिसके खर्च का ब्योरा अभी तक अभियुक्त नहीं दे पाए हैं।

अब तक दस लोग हो चुके गिरफ्तार

एडीजी ने यह भी बताया कि इस संबंध में आज के अभियुक्त मौलाना कलीम सिद्दीकी को छोड़कर अब तक मुख्य आरोपित उमर गौतम समेत 10 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। छह लोगों के खिलाफ विभिन्न तिथियों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी और चार लोगों के खिलाफ जांच चल रही है।

एटीएस की छह टीमें लगाई गई

प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपित मौलाना कलीम सिद्दीकी को न्यायालय के समक्ष पेश कर पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड ली जायेगी। कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एटीएस की छह टीमे लगाई है।


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