असम के 4 जिलों के 10 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित

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गुवाहाटी, 25 मई (हि.स.)। कोरोना महामारी के बीच असम बाढ़ की आपदा से भी त्रस्त हो गया है। चक्रवाती तूफान अम्फन के आने के साथ ही असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में बारिश शुरू हो गया है।  मौसम विभाग का कहना है कि अभी यह बारिश अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। लगातार बारिश के कारण असम के चार जिलों के कई गांव बाढ़ के पानी में घिर गए हैं।

राज्य आपदा विभाग (एएसडीएमए) की ओर जारी आंक़ड़ों के अनुसार असम के चार जिलों के सात सर्किल के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। तथ्यों के अनुसार लखीमपुर जिला के तीन सर्किल, ग्वालपारा जिला के दो सर्किल, शोणितपु जिला और दरंग जिला के एक-एक सर्किल के कुल 46 गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। हालांकि कुछ और भी जिले जैसे नगांव, बरपेटा, कामरूप आदि जिलों में भी बाढ़ से काफी परेशानी उत्पन्न हुई है।

लखीमपुर जिले में रंगा नदी पर बने नीपको के जलविद्युत प्रकल्प से छोड़े गए पानी के कारण नाउबेचा और बिहपुरिया सर्किल के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। अरुणाचल प्रदेश के यजाली में स्थित रंगा नदी बांध से पानी छोड़े जाने पर महज तीन घंटे के अंदर ही लखीमपुर जिला में पानी पहुंच जाता है।

वहीं जियाभराली नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके चलते शोणितपुर जिला के कई गांव जलमग्न हो गए हैं। वहीं ग्वालपारा जिला में पड़ोसी राज्य मेघालय के गारो पहाड़ से आने वाले बारिश के पानी से कई गांव जलमग्न हो गए हैं।

ग्वालपारा जिला के कृष्णाई, दुधनै, जिनारी, देउशिला आदि नदियों का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ गया है, जिसके चलते जिला के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बड़े पैमाने पर खेती को भी नुकसान हुआ है। वहीं आगिया और लखीपुर को जोड़ने वाले मुख्य सड़क के ऊपर से गारो पहाड़ से आने वाला पानी बह रहा है, जिसकी वजह से सड़क टूट गई है।

राज्य में आई पहली बाढ़ के दौरान 10 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रबावित हुए हैं। वहीं 23 हजार से अधिक पशुओं को भी उनके मालिक ऊंचाई वाले स्थानों पर ले जाने के लिए मजबूर हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत अभियान चलाने और लोगों की मदद करने का निर्देश दिया है।

 


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