हिन्दुत्व के व्यापक दायरे में मुसलमान सहित सभी भारतीय शामिलः मोहन भागवत
नई दिल्ली, 18 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने ‘भविष्य का भारत’ का एक ऐसा खाका पेश किया, जिसमें सभी धर्मों और वर्गों के लोगों में बंधुत्व की भावना व्याप्त हो तथा भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने के लिए वह पूरी शक्ति और सामर्थ्य के साथ योगदान करें। यह बंधुत्व ‘अस्तित्व की एकता’ में विश्वास करता है, जिसमें देश और दुनिया में विविधताओं को स्वीकार किया जाता है और उनका उत्सव मनाया जाता है।
भागवत ने कहा कि संघ की हिन्दुत्व की विचारधारा में पूर्वजों का सम्मान, देशभक्ति और विविधतापूर्ण संस्कृति शामिल है। हिन्दुत्व के व्यापक दायरे में देश के मुसलमान भी आते हैं। मुसलमानों को अलग-थलग रखकर हिन्दुत्व की परिकल्पना नहीं की जा सकती।
राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को संघ प्रमुख ने ‘हिन्दुत्व’ की व्याख्या करते हुए कहा कि हमें भारत की सनातन परंपरा के साथ जुड़े हिन्दू, आर्य और सनातनी जैसे शब्दों को लेकर वाद विवाद करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि ‘हिन्दू शब्द’ प्राचीन नहीं है बल्कि इसका प्रचलन 9वीं शताब्दी के बाद ही शुरू हुआ। पश्चिमी एशिया के लोगों ने ‘सिन्धु नदी’ के पार के लोगों को ‘हिन्दू’ के रूप में संबोधित किया। बाद में यह शब्द लोकभाषा में शामिल हो गया और समाज के जीवन का हिस्सा बन गया। यह इतिहास से हमारी पहचान बन गया।
हम संविधान के घोषित सिद्धांतों और आदर्शों में पूर्ण विश्वास रखते हैं। संविधान देश के जानेमाने राजनेताओं और चिंतकों के गहन विचार विमर्श और मनन का परिणाम है। राष्ट्रध्वज की तरह संविधान भी एक राष्ट्रीय प्रतीक है, जिसका संघ पूरी तरह सम्मान करता है। संघ संविधान या कानून के विरोध में नहीं सोचता और न ही ऐसा करता है।
भागवत ने कहा कि भारतीय संविधान और हिन्दुत्व की विचारधारा में कोई मतभेद नहीं है। संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें बंधुत्व या भाईचारे पर जोर दिया गया है। संघ कार्य भी विविधता में एकता के मूलमंत्र के आधार पर समाज में बंधुत्व की भावना का प्रचार-प्रसार कर रहा है।
भागवत ने कहा कि संघ संविधान के बाहर किसी शक्ति के किसी केंद्र में विश्वास नही रखता। संविधान में देश की राजनीति के संचालन की प्रणाली और तौर तरीके तय हैं। संविधान के बाहर शक्ति के किसी और केंद्र की बात नहीं सोची जा सकती। इस संबंध में उन्होंने कुछ हलकों में संघ मुख्यालय नागपुर से कथित रूप से निर्देश जारी किए जाने की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं होता। संघ से जुड़े संगठन स्वतंत्र, स्वायत्त और स्वावलंबी हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग हिन्दुत्व की विचारधारा के संदर्भ में यह कहते हैं कि इसमें मुसलमानों के लिए कोई स्थान नहीं होगा, यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि मुसलमान नहीं रहेगा तो हिन्दुत्व नहीं रहेगा।
हिन्दुत्व की व्यापक अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह किसी एक धर्मग्रंथ पर आधारित या उसी तक सीमित नहीं है। यदि हम वेदों पर ही अड़े रहे तो वेद ना मानने वाले बौद्ध भारतीय संस्कृति से कट जाएंगे। वास्तव में हिन्दुत्व सत्य की सतत खोज पर जोर देता है तथा वैश्विक मानव धर्म में विश्वास रखता है।
अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत की भूमिका को स्पष्ट करते हुए संघ प्रमुख ने दुनिया के अविकसित और विकासशील देशों की अगुवाई करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था समतायुक्त और शोषणमुक्त होनी चाहिए। दुनिया के सभी देशों के बीच परस्पर संबंध बराबरी और सद्भावना पर आधारित होने चाहिए।
विश्व राजनीति में शक्ति और साम्राज्य विस्तार की प्रवृत्ति की आलोचना करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि भविष्य का भारत साम्राज्य विस्तार या आर्थिक प्रभुत्व कायम करने की कोशिश नहीं करेगा। वह दुनिया के पिछड़े देशों को बराबरी में लाने के लिए प्रयास करेगा। हिंसा से त्रस्त विश्व को भारत शांति की संजीवनी देगा।
उन्होंने कहा कि सत्य के पीछे उपयुक्त शक्ति होनी चाहिए। यह शक्ति आर्थिक, नैतिक और सामरिक क्षमता से लैस होनी चाहिए। ‘समरथ को नहिं दोष गोसाईं’ चौपाई को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि सत्य का बोलबाला कायम करने के लिए उसके पीछ समुचित शक्ति आवश्यक है। यह डंडे की शक्ति नहीं बल्कि चरित्र और नैतिक शक्ति होगी। अपने चरित्र और सच्चे आचरण से भारत दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करेगा।
महिलाओं को समाज और राष्ट्र जीवन में बराबर का हिस्सा बताते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ मायनों में महिलाएं पुरुषों से अधिक शक्ति और सामर्थ्यवान हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक ओर हम महिलाओं को शक्ति स्वरूपा और जगदम्बा का रूप मानते हैं और दूसरी ओर उन्हें बराबरी का दर्जा नहीं देते हैं।
संवाद के तीसरे और आखिरी दिन बुधवार को संघ प्रमुख श्रोताओं के प्रश्नों का जवाब देंगे।