हाईकोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन पर्यंत सरकारी बंगला की सुविधा की समाप्त

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पटना ,19 फरवरी (हि.स.) । पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन पर्यंत सुसज्जित सरकारी बंगला की सुविधा समाप्त करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा है कि पद से हटने के बाद ऐसी सुविधा देना गलत है। इस आदेश से पूर्व मुख्यमंत्री डा.जगन्नाथ मिश्र,सतीश प्रसाद सिंह,राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी प्रभावित हुए हैं। राबड़ी देवी को विधान परिषद में विपक्ष के नेता के नाते सरकारी बंगला की हकदार हैं। सरकार उनके लिए नया बंगला दे सकती है या उप मुख्यमंत्री के नाते मिला मौजूदा बंगला को ही विपक्ष के नेता नाते आबंटित किया जा सकता है। जीतन राम मांझी अभी विधायक हैं। उन्हें मौजूदा बंगला खाली कराकर नये बंगला आबंटित कर उसमें जाने के लिए कहा जा सकता है।
बिहार के मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला के साथ जीवन पर्यंत आवास में मुफत बिजली,जेड श्रेणी की विशेष सुरक्षा और 12 निजी स्टाफ रखने की भी सुविधायें मिली हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी के मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला की सुविधा समाप्त किये जाने के आलोक में पटना हाईकोर्ट ने बिहार के भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला की सुविधा समाप्त की है।
सबसे रोचक बात है कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव सरकारी बंगला बदलने के मामले को लेकर हाईकोर्ट गये थे। इस मामले में उन्हें हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने बंगला विवाद का लेकर तेजस्वी को 50 हजार रुपये जुर्माना देने का भी आदेश दिया है।


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