हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक फैसला-जसरोटिया
कठुआ, 09 जनवरी (हि.स.)। पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजीव जसरोटिया ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर वर्ष 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस‘ के रूप में मनाने की घोषणा के फैसले का स्वागत किया है। जसरोटिया ने कहा कि साहिबजादों द्वारा भारी दमन के तहत दिखाया गया साहस अद्वितीय है और दुनिया भर में हर किसी को उनके सर्वाेच्च बलिदान के बारे में जानकारी होना चाहिए। जसरोटिया ने कहा कि साहिबजादे जोरावर सिंह और साहिबजादे फतेह सिंह गुरु गोबिंद सिंह के पुत्र द्वारा किया गया बलिदान सर्वाेच्च है। आज ही के दिन 1705 में, उन्होंने पंजाब के सरहिंद में धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनका शहादत दिवस अब वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा जो अन्य बच्चों के लिए ‘प्रेरणा का स्रोत‘ के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि इस दुनिया में इन तीन लोगों पिता, माता और गुरु की जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करना असंभव है, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर निर्देशित किया है। जसरोटिया ने कहा कि भारत हमेशा एक ऐसा राष्ट्र रहा है जो शांति और मानवता के लिए खड़ा है। पश्चिमी संस्कृति के प्रभाव से भारतीय परिवार अपने बच्चों को सही उदाहरण देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बच्चे गलत रोल मॉडल चुनने के लिए भटक रहे हैं। देश को नैतिक नायकों के दिवालियेपन से बचाने के लिए और गर्व से भरे उदाहरणों की कमी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि चार साहिबजादे की कथा से सभी को अवगत कराएं। उनकी कहानी जितनी अधिक फैलेगी, हमारे युवाओं की सोच उतनी ही मजबूत होगी। जसरोटिया ने कहा कि उनके द्वारा किए गए वीरता, बलिदान की कोई तुलना नहीं है। मोदी भारत की गौरवशाली विरासत को सामने लाने के दृष्टिकोण के साथ एक प्रगतिशील नेता हैं। जसरोटिया ने कहा कि चार साहिबजादे के नाम पर बाल दिवस घोषित करने से दुनिया को यह संदेश जाएगा कि राष्ट्र इस अद्वितीय बलिदान को पहचानता है और इसके अतीत को महत्व देता है।