हर भारतीय के मानवाधिकारों की रक्षा करना हमारी नीतिः जेटली
नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने जम्मू कश्मीर में आतंक से पीड़ित कश्मीरी जनता और नक्सल प्रभावित राज्यों में इससे त्रस्त आदिवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
जेटली ने आज ट्वीटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट कर आतंकवाद और नक्सलवाद की तीखी निंदा की। उन्होंने जम्मू कश्मीर की आम जनता के मानवाधिकारों के हनन के लिए आंतकियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि घाटी के अधिकतर नागरिकों ने देश के दूसरे शहरों और इलाकों में खुद को स्थापित कर लिया है। युवा शिक्षा और रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जा रहे हैं।
जेटली ने कहा कि उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत में पाया कि वे काफी मेधावी हैं किंतु वह जिस माहौल में हैं वह पूरी तरह से आंतवाद के चंगुल में है। केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर के जरिए अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में निर्दोषों की रक्षा के लिए सैन्य जवानों को तैनात कर पूरा देश बड़ी कीमत चुका रहा है। अनेकों जवान शहीद होते रहते हैं। राज्य से कश्मीरी पंडित समुदाय को खत्म कर दिया गया है।
वर्ष 2000 में चिट्टीसिंहपुरा नरसंहार के बाद अधिकतर सिख समुदाय के लोगों का भी वहां से पलायन हो गया। जेटली ने आगे कहा कि पिछले तीन सालों से आतंकी गतिविधियां अप्रैल, मई और जून माह में बढ़ जाती हैं ताकि पर्यटन के मौसम में घाटी की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो। वहीं, नक्सलियों द्वारा आदिवासी बहुल इलाकों में विकास को अनुमति नहीं दी जाती है। उनसे जेटली ने कश्मीरी और नक्सल प्रभावित इलाकों में बसे आदिवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा की बात दोहराते हुए कहा कि हमारी नीति प्रत्येक भारतीय के मानवाधिकारों की रक्षा करना है।