हमीरपुर में जिला परिषद की बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, सदस्यों ने की नारेबाजी

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हमीरपुर, 25 फरवरी (हि. स.)। भाजपा समर्थित जिला परिषद हमीरपुर के हाउस को प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों के न पहुंचने से अंतिम क्षणों में रद्द करना पड़ा। जिला परिषद हमीरपुर के कार्यालय में शुक्रवार को यह बैठक प्रस्तावित थी और 15 दिन पूर्व ही इस बैठक के विषय में प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था। अधिकारियों के बैठक में ना पहुंचने पर जिला परिषद हमीरपुर अध्यक्ष बबली देवी ने बैठक को स्थगित कर त्रैमासिक दिया। बैठक स्थगित किए जाने के बाद जिला परिषद सदस्यों ने कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। इस विषय पर अब मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजने का जिला परिषद हमीरपुर के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि जिला परिषद की बैठक की आधिकारिक सूचना सभी अधिकारियों को पहले ही दे दी जाती है तथा सम्बंधित विभागों के अधिकारियों से बैठक में विकासात्मक गतिविधियों की रिपोर्ट ली जाती है। पंचायती राज संस्था की सबसे महत्वपूर्ण इकाई जिला परिषद मानी जाती है तथा इस बैठक में अधिकारियों का न पहुंचना पंचायती राज संस्था के लिए सही नही माना जा रहा है ।
जिला परिषद हमीरपुर की अध्यक्ष बबली देवी ने बताया कि जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक का आयोजन आज किया गया था लेकिन बैठक में अधिकारियों के न पहुंचने पर इस स्थगित करना पडा। उन्होंने कहा कि बैठक में अधिकारियों को विकासात्मक कार्यो की रिपोर्ट देनी पडती है। उन्होंने बताया कि बैठक की सूचना अधिकारियों को समय पर दे दी गई थी।
अध्यक्ष ने कहा कि बैठक में पहले भी यह अधिकारी उपस्थित नहीं हुए थे जिस पर उन्हें नोटिस जारी किया गया था तथा इस बार फिर उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत भी प्रदेश सरकार से की जाएगी और अगर कोई कार्यवाही न हुई तो पार्षद धरने पर बैठने के लिए मजबूर होगें।
वहीं जिला परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी का कहना है कि जिला परिषद के चुने हुए प्रतिनिधियों की प्रशासनिक और विभाग के अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद यह बैठक आयोजित होती है और इस बैठक को लेकर लापरवाही बरतना बेहद गलत है। इस विषय पर जल्द ही मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा जाएगा।


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