सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान के खिलाफः केजरीवाल

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नई दिल्ली, 14 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के सुनाए फैसले को संविधान के खिलाफ बताया है। यह बात अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कही।
अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर दिल्ली में कोई भ्रष्टाचार करता है, तो उन्हें उस पर कार्रवाई करने के लिए भाजपा के पास जाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संविधान और लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हमें अनशन करके दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इंसाफ के लिए भाजपा के पास जाना पड़ रहा है।
केजरीवाल ने कहा कि हमारी कैबिनेट ने उपराज्यपाल के घर में बैठकर 10 दिन तक अनशन किया, फिर भी कोई फैसला नहीं हुआ। एक चपरासी को भी दिल्ली का मुख्यमंत्री ट्रांसफर नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री के पास अगर एक चपरासी को ट्रांसफर करने तक की ताकत नहीं है तो मुख्यमंत्री कैसे काम करेगा? दिल्ली का विकास कैसे होगा? अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हम कोर्ट की इज्जत करते हैं लेकिन ये फैसला दिल्ली वालों के साथ अन्याय है।

गठबंधन के लिए कांग्रेस ने किया मना
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंघन को लेकर बड़ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे मन में देश को लेकर चिंता है उसी वजह से हम लालायित हैं। हालांकि उन्होंने(कांग्रेस) लगभग मना कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2019 में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को हराना बहुत जरूरी है। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा के खिलाफ पार्टियों को वोट न बंटे और इसका फायदा भाजपा को न मिले, इसके लिए विपक्षी पारको सोचना होगा। जिस क्षेत्र में जो पार्टी मजबूत है उसे भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए।
केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से अपील करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में वह दिल्ली की सभी सात सीट पर आम आदमी पार्टी को वोट दें ताकि हम संसद में दबाव बना सकें और दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिला सकें।


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