सीरिया में कैद हैं सैकड़ों बच्चों के सपने, संयुक्त राष्ट्र भी निराश
दमिश्क, 07 फरवरी (हि.स.)। दक्षिण-पश्चिम एशियाई देश सीरिया में बीते 11 वर्षों से लड़ाई का सर्वाधिक खामियाजा बच्चे भुगत रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने हाल ही में सीरियाई जेलों का दौरा कर पाया कि वहां जेलों में सैकड़ों बच्चों के सपने कैद हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी इन बच्चों को आजादी न मिलने से संयुक्त राष्ट्र भी निराश है।
सीरिया में पिछले 11 वर्ष से जारी भीषण लड़ाई और अशांति ने वहां के बच्चों का ना सिर्फ़ बचपन तबाह कर दिया है बल्कि उनके अधिकारों की धज्जियां उड़ा दी हैं। बड़े पैमाने पर लड़कों और लड़कियों की हत्याएं हुई हैं और उन्हें उत्पीड़न, बलात्कार और यौन शोषण का भी शिकार होना पड़ा है। इसके अलावा सैकड़ों बच्चे सीरिया की जेलों में कैद होकर अपने सपनों से समझौता करने को विवश हैं। दुनिया में बच्चों के अधिकारों की चिंता करने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने सीरिया की जेलों का दौरा कर वहां उनकी दयनीय स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है।
सीरिया में यूनिसेफ के प्रतिनिधि विक्टर नाइलंद ने कहा कि जेलों में बंद बच्चों की स्थिति अविश्वसनीय रूप से बहुत खराब है। नाइलंद ने कहा कि यूनिसेफ इन बच्चों के साथ हो रहे अत्याचार का दीर्घकालिक समाधान खोजने पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को महज इस कारण हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए वे किसी सशस्त्र समूह से जुड़े हैं। ऐसे बच्चों को तो हमेशा संघर्ष के पीड़ित के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।