सीबीआई में मचे घमासान के बीच चली सिर्फ अस्थाना की
नई दिल्ली, 23 जुलाई (हि.स.)। देश की प्रीमियर एजेंसी सीबीआई में मची घमासान के बीच केंद्रीय खुफिया आयोग (सीवीसी) ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत उनकी टीम की लगभग सभी अधिकारियों को सेवा विस्तार दे दिया है। इसमें संयुक्त निदेशक एवाईवी कृष्णा व साई मनोहर प्रमुख हैं। साई मनोहर उस विशेष टीम का हिस्सा हैं जो विजय माल्या के मामले को देख रही है। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि ये सभी अधिकारी राकेश अस्थाना की टीम में शामिल हैं और कुछ हाई प्रोफाइल मामले को देख रहे हैं।
कमिश्नर केवी चौधरी की अध्यक्षता वाली सीवीसी ने त्रिपुरा कैडर के आईपीएस अधिकारी (डीआईजी स्तर के अधिकारी) अनिश प्रसाद को भी 5 मई 2020 तक सेवा विस्तार दे दिया है। यह जानकारी कार्मिक मंत्रालय ने दी है। वह सीबीआई मुख्यालय दिल्ली में उप निदेशक प्रशासन के पद पर काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रसाद की सेवा को त्रिपुरा को सौंप दिया गया था। साथ ही राकेश अस्थाना की टीम के दो वरिष्ठ अधिकारी जो व्यवसायी विजय माल्या के मामले को देख रहे थे, को भी सेवा विस्तार दे दिया गया है। इस बीच त्रिपुरा पुलिस महानिदेशक कार्यालय से जुड़े सूत्र ने भी प्रसाद के सेवा विस्तार की जानकारी को सही बताया है।
हालांकि ये सारी गतिविधियां तब की गई हैं जब सीबीआई के निदेशक ने गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना के बारे में सीवीसी को लिखा था कि निदेशक आलोक वर्मा की अनुपस्थिति में अस्थाना सीबीआई का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते।
उल्लेखनीय है कि सीवीसी के जिस पैनल ने एेसा आदेश दिया है, सीबीआई निदेशक उसके आमंत्रित सदस्य होते हैं।
मनोहर 1995 बैच के मध्य प्रदेश कैडर आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हें अप्रैल 2019 तक सीबीआई में काम करने के आदेश सक्षम प्राधिकार ने दिया है। साथ ही उनके सहकर्मी कृष्णा को 2020 तक सीबीआई में सेवा विस्तार दिया गया है। इतना ही नहीं मनीष किशोर सिन्हा को नवंबर 2018 तक सीबीआई में काम करने का आदेश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सिन्हा 1996 बैच के जम्मू-कश्मीर कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह अभी नेशनल डिफेंस कॉलेज मेें प्रशिक्षण ले रहे हैं। सीबीआई में वह संयुक्त निदेशक रैंक के अधिकारी हैं।
जानकारी के मुताबिक कोयला घोटाले को देख रहे आईपीएस अधिकारी प्रेम कुमार गौतम को भी सेवा विस्तार दे दिया गया है। हालांकि उनकी सेवा विस्तार की अवधि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निर्भर है। उल्लेखनीय है कि इस घोटाले में राजनेता, उद्योगपति व कुछ पूर्व नौकरशाह शामिल हैं।