नई दिल्ली, 15 जनवरी. (हि.स.)। 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को
बताया कि केंद्र सरकार ने जस्टिस ढींगरा के नेतृत्व वाली एसआईटी की रिपोर्ट को
स्वीकार कर लिया है और वह इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगा। दंगे के 186 बंद केस की समीक्षा के बाद
एसआईटी ने रिपोर्ट दी है कि जांच अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। मुकदमा खारिज
होने के बाद अपील भी दायर नहीं की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार, अभियोजन
पक्ष और पुलिस ने सही समय पर अपनी रिपोर्ट अपील अदालत में दाखिल नहीं की, जिसकी
वजह से केसों के रिकॉर्ड नष्ट हो गए। जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट को आधार बनाकर
पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि पुलिस ने इस मामले में
दंगाइयों का साथ दिया है। साथ ही इस मामले में जस्टिस ढिंगरा की सिफारिश के अनुसार
अपील दाखिल होनी चाहिए। पुलिस वालों के खिलाफ करवाई होनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल
तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में कानून के हिसाब से करवाई करेंगे। तब चीफ
जस्टिस एस.ए. बोब्डे ने कहा कि पीड़ित पक्ष अपनी अर्जी दाखिल कर सकते है, जिसमें
वो अपनी मांगों को रख सकते है।