सांसद निधि खर्च करने में काफी पीछे हैं बिहार के सांसद और केंद्रीय मंत्री
बेगूसराय, 06 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही सभी सांसदों को अधिक से अधिक अपने क्षेत्र में रहने और क्षेत्र के विकास पर ध्यान देने का आह्वान करते रहे हैं। लेकिन 2019 में बिहार से निर्वाचित लोकसभा के सदस्य जनहितैषी कार्यों के लिए सांसद क्षेत्रीय विकास निधि की राशि खर्च करने में फिसड्डी हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जयसवाल, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय और अश्विनी कुमार चौबे में से कोई भी वित्तीय वर्ष 2019-20 में मिली राशि अब तक खर्च नहीं कर सके हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटे के रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार बाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार, आरा के सांसद केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह, पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद, सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी, पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव तथा पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जयसवाल ने अपने सांसद निधि से एक भी रुपया खर्च नहीं किया है। बक्सर के सांसद केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने एक करोड़ 75 लाख, बेगूसराय के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक करोड़ 72 लाख, उजियारपुर के सांसद केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने दो करोड़ 56 लाख, मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने एक करोड़ 51 लाख, हाजीपुर के सांसद पशुपति कुमार पारस ने चार करोड़ 83 लाख एवं जमुई के सांसद चिराग पासवान ने 67 लाख ही खर्च किए हैं। इसी तरह समस्तीपुर के सांसद प्रिंस राज ने दो करोड़ 77 लाख, खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर ने पांच करोड़ छह लाख, किशनगंज के सांसद मो. जावेद ने तीन करोड़ 64 लाख, गोपालगंज के सांसद डॉ. अशोक कुमार सुमन ने दो करोड़ 38 लाख, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर ने एक करोड़ 66 लाख, भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल ने दो करोड़ 43 लाख, मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद ने चार करोड़ 99 लाख, मधुबनी के सांसद अशोक कुमार यादव ने एक करोड़ 61 लाख तथा नवादा के सांसद चंदन सिंह ने दो करोड़ सोलह लाख रुपया खर्च किया है।
सासाराम के सांसद छेदी पासवान ने चार करोड़ 60 लाख, बांका के सांसद गिरधारी यादव ने चार करोड़ 88 लाख, नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने चार करोड़ 28 लाख, महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने दो करोड़ 95 लाख, काराकाट के सांसद महाबली सिंह ने चार करोड़ 23 लाख, अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने चार करोड़ 78 लाख तथा पूर्वी चंपारण के सांसद राधामोहन सिंह ने तीन करोड़ 48 लाख खर्च किए हैं। पूर्णिया के सांसद संतोष कुमार ने तीन करोड़ 59 लाख, सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने दो करोड़ 34 लाख, औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने दो करोड़ 11 लाख, जहानाबाद के सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद ने एक करोड़ 59 लाख, सुपौल के सांसद दिलेश्वर कामत ने 66 लाख, मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने 83 लाख, कटिहार के सांसद दुलार चंद्र गोस्वामी ने दो करोड़ 26 लाख, झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल ने चार करोड़ दो लाख, गया के सांसद विजय कुमार ने दो करोड़ 39 लाख, सिवान के सांसद कविता सिंह ने दो करोड़ 54 लाख, वैशाली के सांसद वीणा देवी दो करोड़ 40 लाख तथा शिवहर के सांसद रमा देवी ने तीन करोड़ 15 लाख खर्च किए हैं। उल्लेखनीय है कि सांसद विकास निधि के तहत सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता दी जाती है। क्षेत्र के मुताबिक ढाई लाख, पांच लाख और सात लाख की यह राशि लोकसभा के सदस्यों को अपने संसदीय क्षेत्र के विकास में खर्च करना होता है। जबकि राज्यसभा के सदस्य देश के किसी भी हिस्से के विकास कार्य में खर्च करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।