सत्ता पक्ष और विपक्षी विधायकों ने विधानसभा गेट के समक्ष दिया धरना

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रांची, 03 मार्च (हि. स.)। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को बजट सत्र में शामिल होने के लिए पहुंचे सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपनी-अपनी मांगों को लेकर विधानसभा गेट के बाहर धरना दिया। विधायक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नारेबाजी भी किया। इस दौरान विधायकों के हाथों पर तख्तियां हैं, जिस पर उनकी मांगे लिखी हुई हैं। दोनों ही दलों के विधायक अपनी मांगों से संबंधित टीशर्ट पहनकर धरना पर बैठे हैं।। इसमें जहां झामुमो के विधायक अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग कर रहे हैं। वहीं विपक्षी दल भाजपा ने मॉब लिंचिंग सहित और कई मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर किया।

झारखंड विधानसभा की कार्यवाही प्रारंभ होते ही भाजपा के विधायक नारेबाजी करते हुए आसन के पास पहुंच गए। इसमें कहा गया कि पहले 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिया जाए। इसके बाद पंचायत चुनाव कराए जाएं। कार्यवाही के दौरान विपक्षी दल के विधायक में समन्वय का अभाव नजर आया। भाजपा विधायक बिरंची नारायण सवाल पूछना चाहते थे लेकिन भाजपा विधायकों ने उनकी बात सुनने की बजाए सीधे आसन के पास पहुंच गए। भारी हंगामे के कारण दोपहर बारह बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।

बंधु तिर्की के सवाल का सरकार ने दिया जवाब

कृषि उत्पादन बाजार समिति पंडरा में सात खटाल और 245 अतिक्रमण कारी व्यापारियों का कब्जा है।कृषि मंत्री बादल ने सदन में यह स्वीकार किया कि पंडरा कृषि उत्पादन बाजार समिति से अतिक्रमण अतिशीघ्र हटाया जाएगा। इसके लिए रांची के अनुमंडल पदाधिकारी को आदेश दे दिया गया है। वह मांडर के विधायक बंधु तिर्की के सवाल का जवाब दे रहे थे।

वहीं दूसरी ओर सरकार में शामिल झामुमो के पांच विधायकों ने अपने ही सरकार के खिलाफ धरना दिया। इस दौरान झामुमो और कांग्रेस के विधायक लोबिन हेंब्रम, निरल पूर्ति, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, दीपक बिरुवा, नमन विकसल कोंगड़ी, मथुरा महतो ने हेमंत सरकार से अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में एसपीटी और सीएनटी एक्ट लागू करने की मांग की। मथुरा महतो ने कहा है कि हमारी सरकार आये हुए दो साल से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक जनता से जो भी वादा हम लोगों ने किया था वह पूरा नहीं हुआ है। झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने पिछले दिनों हेमंत सरकार के लाये नियोजन नीति को रद्द करते हुए नयी स्थानीय नीति लाने तक इसे लागू नहीं करने की मांग की है। विधायकों ने मांग की है कि हेमंत सरकार तत्काल ही अंतिम सर्वे सेटेलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति लागू करे। साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों में एसपीटी /सीएनटी एक्ट को तत्काल लागू करे। वहीं दूसरी ओर झामुमो विधायकों के धरना पर बैठने पर भाजपा विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कहा कि आज सत्तापक्ष के विधायक अपनी सरकार की कार्यशैली से नाराज है। इससे साफ पता चलता है कि सरकार अल्पमत में आ गई है। राज्य में तत्कालीन राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। इस दौरान झामुमो के मथुरा महतो ने क्षेत्रीय विकास प्राधिकार को अनुसूचित क्षेत्रों में रद्द करने की मांग की है। जबकि कांग्रेस के नमन विक्सल ने अनुसूचित क्षेत्रों में स्थिति एसपीटी सीएनटी एक्ट लागू करने की मांग की। धरना पर बैठे भाजपा विधायकों ने संजू प्रधान, रूपेश पांडेय की कथित मॉब लिंचिंग की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सत्तापक्ष के विधायक आज अपने ही सरकार पर भरोसा खो चुके हैं। अपने चुनावी वादों में झामुमो ने जितने भी वादे किए थे। वह दो साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। इसे सत्तापक्ष के विधायक नाराज है।

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को इन बातों से ज्यादा चिंता राज में संवेदनशील बातें बाहरी- भीतरी लड़ाई को बढ़ावा दे रही है। इस दौरान भाजपा विधायकों ने पंचायत चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण की मांग की है। इस दौरान भाजपा विधायक अमित मंडल, नीरा यादव, नवीन जायसवाल सहित अन्य विधायक हाथों में तख्तियां लिए बैठे थे। विधायकों ने कहा कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पिछड़ी जाति को आरक्षण देना ही होगा। सभी विधायक एक साथ मांग कर रहे थे कि पहले ओबीसी को आरक्षण दिया जाए उसके बाद ही राज्य में पंचायत चुनाव कराया जाये। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में आज बजट पेश होगा।


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