संतों के तपोबल से भारत का पूरे विश्व में एक अलग स्थान है
हरिद्वार, 19 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि सनातन परंपरा भारत को महान बनाती है और संत महापुरुषों के तपोबल से भारत का पूरे विश्व में एक अलग स्थान है।
ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज एक महान संत थे, जिन्होंने धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में जीवन पर्यंत अपना योगदान दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। कनखल स्थित रामकिशन धाम में आयोजित ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों से श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परमार्थ के लिए समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज का जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा।
श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज तो साक्षात त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे, जिन्होंने सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए संपूर्ण भारत में धर्म एवं संस्कृति की पताका को फहराया। युवा संतों को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।
दिगंबर गंगागिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत थे, जिन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर समाज का मार्गदर्शन किया और युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर धर्म एवं संस्कृति के प्रति जागृत किया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का मनीष वर्मा, सुखचैन बराक एवं धीरज खत्री ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
कार्यक्रम में श्रीमहंत ओंकार गिरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, दिगंबर राजगिरी, दिगंबर पवन गिरी, दिगंबर लक्ष्मण गिरी, स्वामी रघु वन, स्वामी रवि वन, दिगंबर जितेंद्र गिरी, दिगंबर तुलसी गिरी, दिगंबर विनोद गिरी, एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डा.सुनील बत्रा सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।