संतों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में प्रतिकार सभा का आयोजन

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हरिद्वार, 16 जनवरी (हि.स.)। धर्मनगरी में बीते दिनों आयोजित हुई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में पुलिस कार्रवाई के विरोध संतों ने रविवार को सर्वानंद घाट में प्रतिकार सभा का आयोजन किया। संतों ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों की वापसी और हेट स्पीच मामले में एसआईटी को रद्द करने की मांग की।
हेट स्पीच मामले और समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ अर्मायादित टिप्पणी के मामले में पुलिस ने शनिवार रात जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार कर लिया था। वह सर्वानंद घाट पर वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की गिरफ्तारी के विरोध में अनशन पर बैठे थे। आज यति नरसिंहानंद को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी।
संतों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में आयोजित हो रही प्रतिकार सभा में स्वामी आनंद स्वरूप, स्वामी सिंधु सागर, महंत प्रह्लाद दास, स्वामी प्रबोधानंद, स्वामी अमृतानंद, विनोद महाराज आदि शामिल हैं।
उल्लेनीय है कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इसमें वक्ताओं द्वारा कथित तौर पर विशेष धर्म समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इसी वीडियो के आधार पर ज्वालापुर क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर महामंडलेश्वर धरमदास परमानंद और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम भी केस दर्ज किया था। इसके सागर सिंधु महाराज, यति नरसिंहानंद गिरि, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रमोधानंद गिरि का नाम भी जोड़ा गया था। इस मामले में बुधवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन हुआ है, जो इस मामले की जांच कर रही है।
वसीम रिजवी की गिरफ्तारी पर हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया था कि रिजवी पर तीन मामले दर्ज हैं। ये गिरफ्तारी तीसरे मामले में हुई है। रिजवी को काफी समय से नोटिस दिया जा रहा था, लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।


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