श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला : छह याचिकाओं पर हुई सुनवाई, 17 व 20 जनवरी और 10 फरवरी अगली सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर जिला जज की अदालत एवं सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में बुधवार दोपहर बाद दो घंटे छह याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई की अग्रिम तारीख 17 जनवरी, 20 जनवरी और 10 फरवरी तय की है। कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्रों में मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए।
मथुरा जिले की जिला जज राजीव भारती की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका जो दो वर्ष पूर्व न्यायालय में दाखिल की गई थी, पर बुधवार को सुनवाई हुई। वादी-प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहे। करीब 2 घंटे तक शाही ईदगाह मस्जिद अधिवक्ता और सुन्नी बोर्ड के अधिवक्ता ने अपना-अपना पक्ष रखा। वादी पक्ष अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन ने भी प्रतिवादी का जवाब देते हुए अपने जवाब दाखिल किए। इस मामले में अगली सुनवाई 17 जनवरी को तय की गई है। वहीं सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर बुधवार को पांच याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चार प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता और वादी पक्ष अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हुए। वादी पक्ष के अधिवक्ता ने बहस करते हुए फिर से अपने प्रार्थना पत्रों का समय पर निस्तारण करने की बात कही। मांग की गई है कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में प्राचीन अभिलेखों का मुआयना किया जाए. सिविल जज की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर अगली सुनवाई 20 जनवरी और 10 फरवरी को तय की गई है।
बुधवार शाम महेंद्र प्रताप सिंह याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सुनवाई हुई, करीब दो घंटे तक अधिवक्ताओं में बहस हुई। न्यायालय में उनकी ओर से पिछले दिनों दिए गए प्रार्थना पत्रों में कही गई बात को दोहराया गया। अधिवक्ता ने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में प्राचीन चिह्न अंकित हैं।अमीन द्वारा मौका मुआयना करके रिपोर्ट मंगवाई जाए। करोड़ों हिंदुओं की आस्था कृष्ण भगवान में है, मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया, जो अवैध है।
वहीं, अधिवक्ता जेपी निगम ने बताया कि जिला जज की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई हुई थी। सुनवाई दो घंटे तक चली। शाही ईदगाह जो प्रतिवादी पक्ष है, उसने अपना पक्ष रखा है। अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
अधिवक्ता मुकेश खंडेलवाल ने बताया श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर बुधवार को दो प्रतिवादी पक्षों ने अपनी बहस की है। हमने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राइट टू इशू नहीं है। अगली सुनवाई पर न्यायालय तय करेगा कि मामला खारिज किया जाए या आगे इस पर सुनवाई हो।