शिव मंदिरों में लगी भक्तों कतार
देहरादून, 01 मार्च (हि.स.)। महाशिव रात्रि का पावन पर्व आधी रात से प्रारंभ हो गया है। आधी रात बाद प्रमुख शिव मंदिरों में भगवान शिव की साज सज्जा का काम प्रारंभ हो गया था। इन मंदिरों में जहां प्रमुख शिव मंदिर जहां आचार्य द्रोण ने तपस्या की थी भी शामिल है। टपकेश्वर मंदिर के साथ-साथ करनपुर शिव मंदिर, पलटन बाजार शिव मंदिर, सहारनपुर चौक स्थिति पृथ्वीनाथ मंदिर, कारगीग्रांट शिव मंदिर रायवाला शिव मंदिर, चक्तोवाला शिव मंदिर, मोरोवाला शिव मंदिर समेत तमाम शिव मंदिरों में भगवान शिव की अराधना व पूजन का कार्य प्रारंभ हुआ।
टपकेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी बंगाली बाबा के मुताबिक आधी रात से ही टपकेश्वर महादेव का शृंगार प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने कहा कि दो वर्ष बाद कोरोना के कम होने के कारण भक्तों में श्रद्धा जागृत हुई है। मंदिरों में बम-बम भोले की गूंज हो रही है। रात्रि 12 बजे भगवान भोलेनाथ का भांग, धतूरा, नैवेद्य, पत्र पुष्प, रुद्राक्ष से भव्य स्वागत किया गया।
उल्लेखनीय है कि देहरादून का टपकेश्वर मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल में से है। सिटी सेंटर से 5.5 किलोमीटर दूर टपकेश्वर महादेव मंदिर सेना के गढ़ी छावनी क्षेत्र में है। टपकेश्वर मंदिर में एक गुफा मंदिर है। यहां मौसमी नदी के किनारे है। टपकेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। नदी के आगे मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। गुफा की छत से शिवलिंग पर पानी टपकता है। इसी कारण से इस मंदिर को टपकेश्वर मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर का संबंध महाभारतकालीन है। माना जाता है कि शिव ने इस गुफा से गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा के लिए दूध की धारा बहाई थी। यह मंदिर अन्य मंदिरों के साथ महाशिव रात्रि पर श्रद्धा और आस्था का विशेष केंद्र है।