शरिया कानून के बारे में जानकारी देने के लिए सजेगी पर्सनल लॉ बोर्ड की क्लास

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नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देश में शरिया अदालत खोले जाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच शरिया कानून के बारे में मुस्लिम समुदाय के बीच जागरूकता लाने का फैसला किया है। मुस्लिम समाज में भी एक बड़े तबके के बीच शरिया कानून को लेकर अनभिज्ञता है। इसलिए बोर्ड ने तय किया है कि शरिया कानून के बारे में जानकारी देने के लिए कक्षाएं लगाई जाएंगी।
बोर्ड ने शरिया कानून के बारे में जानकारी देने का दायित्व कमाल फारूखी को दिया है। श्री फारूखी ने ‘हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी’ से बातचीत में कहा कि दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों में भी शरई कानून की जानकारी देने के लिए कक्षाएं लगाईं जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह कोई नया अभियान नहीं है। पहले भी अलग-अलग इलाकों, क्षेत्रों में मुस्लिम समाज को शरई कानून के बारे में जानकारी देने के लिए इस तरह की कक्षाएं लगाई जाती रही हैं।
उल्लेखनीय है कि गत रविवार को एआईएमपीएलबी की यहां हुई बैठक में निकाह हलाला का समर्थन किया गया। बैठक में तय हुआ कि इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है और मुस्लिम महिलाओं को इसे मानना ही होगा। बोर्ड को सचिव जफरयाब गिलानी ने कहा था कि एआईएमपीएलबी जल्द ही देश में दस और शरिया अदालतें खोलेगा। उन्होंने कहा कि देश में यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश के कानून से अलग हटकर अदालतें बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इसे सही ठहराया है। गिलानी के मुताबिक, शरिया अदालत तीन तलाक, निकाह हलाला और संपत्ति विवाद जैसे मामलों का समाधान करेगी।
सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी ने बोर्ड के इस फैसले की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि मुस्लिम महिला उनके फैसलों को स्वीकार करें और उसके मुताबिक ही आचरण करें।


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