शनि शिंगणापुर मंदिर सरकार के कब्जे में, विधेयक मंजूर
मुंबई, 19 जुलाई (हि.स.)। शनि शिंगणापुर मंदिर अब सरकार के कब्जे में चला गया है। इसके लिए बुधवार की मध्यरात्रि में विधानसभा में एक प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। हालांकि सरकार के इस प्रस्ताव का शिवसेना और राकांपा ने विरोध किया। पर विरोध को दरकिनार करते हुए विधानसभा में प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। इसी के साथ श्री शनैश्वर देवस्थान विश्वस्त मंडल को बर्खास्त कर दिया गया है।
विधानसभा में लाए गए प्रस्ताव पर नगर विकास व गृहराज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने कहा कि शनि शिंगणापुर में लाखों भक्त आते हैं। यहां आने वाले भक्तों को सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इसी के साथ मंदिर में बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। गत वर्ष शनि चबुतरे पर महिला को प्रवेश देने से मना करने पर यहां पर कानून-व्यवस्था की समस्या खडी हो गई थी। इसलिए इस मामले में सरकार को हस्तक्षेप करना पडा था। इन सब मामलों को देखते हुए ही सरकार ने मंदिर को अपने कब्जे में लेने का निर्णय लिया है। अब यहां पर शासन नियमावली लागू की जाएगी।
पाटिल ने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा है कि विश्वस्त मंडल पर शासन नियुक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष होगा और उपायुक्त स्तर का अधिकारी मंदिर का कार्यकारी अधिकारी होगा। सरकार के इस प्रस्ताव का सरकार में शामिल शिवसेना ने विरोध किया और विधानसभा की सीढ़ियों पर बैठकर आंदोलन किया। पर सरकार ने शिवसेना के विरोध को नजरअंदाज करते हुए उनकी अनुपस्थिति में ही प्रस्ताव को पास करवा लिया। इसके अलावा राकांपा के शशिकांत शिंदे ने विरोध किया और कहा कि पिछले महीने ही सरकार ने घोषणा की थी कि वह शनि शिंगणापुर मंदिर को अपने कब्जे में ले लेगी और अब एक महीने में ही विधेयक लाकर उसे पारित भी करवा लिया। सरकार को इतनी जल्दी क्या है?