वेलेंटाइन-डे ने दी भारत-नेपाल निर्यात को गति, बिक गए 54 करोड़ के गुलाब-चॉकलेट
महाराजगंज, 14 फरवरी (हि.स.)। वेलेंटाइन डे के मौके पर भारत-नेपाल के बीच होने वाले निर्यात को गति मिल गई है। आंकड़े बता रहे हैं कि 16 लाख रुपये का लाल गुलाब और 54 करोड़ रुपये से अधिक के व्हाइट चॉकलेट का निर्यात हुआ है।
भैरहवा भंसार कार्यालय के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। नेपाल के भैरहवा भंसार सूचना अधिकारी उपेंद्र लामिछाने के मुताबिक कोरोना में व्यापारियों को मिली छूट के बाद यह तेजी देखने को मिली है। नेपाल के व्यापारियों ने वैलेंटाइन-डे पर फरवरी के शरुआती दो सप्ताह में ही लगभग 16 लाख रुपए का लाल गुलाब तथा 54 करोड़ रुपए के चॉकलेट का निर्यात किया है। इसमें 15 लाख 62 हजार रुपये का 41 हजार 024 किलो लाल गुलाब का फूल और 04 लाख 26 हजार 307 किलोग्राम वजन के ह्वाइट चॉकलेट शामिल हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव की वजह से पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में दो साल से व्यवसायिक गतिविधियां लगभग ठप पड़ गईं थीं। इसका व्यापार पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा। दोनों देशों के सामान्य जनजीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ना लाजिमी था।
नेपाल के भैरहवा भंसार सूचना अधिकारी उपेंद्र लामिछाने का कहना है कि वेलेंटाइन-डे के बहाने निर्यात को गति मिली है। व्यापारियों के लिए यह संजीवनी है। निर्यात के बढ़ने से दोनों देशों को राजकीय कोष घाटे से उबरने में काफी सहयोग मिलेगा।
ज्ञातव्य हो कि जीएसटी लागू होने के बाद दोनों देशों के आयात-निर्यात कर काफी प्रभाव पड़ा था। टैक्स को लेकर व्यापारियों में संशय का माहौल था। इसके तत्काल बाद कोरोना महामारी और फिर लॉकडाउन की स्थिति ने अधिकांश व्यावसायिक गतिविधियों को ठप कर दिया था। भारत से नेपाल को जाने वाले पेट्रोल, डीजल, सब्जी, चीनी, सीमेंट, कपड़ा, मोटर पार्ट्स, रेडीमेड होजरी आदि के निर्यात में बहुत कमी आ गयी थी।
अब वैलेंटाइन-डे के जरिये भारत-नेपाल के व्यापारियों को संजीवनी मिल गयी और उन्होंने दिल्ली, कोलकाता, बंगलुरु आदि शहरों के साथ व्यावसायिक संबंधों का फिर से आगाज कर दिया। इस व्यापार ने एक बार फिर वर्ष 1950 से चले आ रहे भारत-नेपाल के व्यापारिक और धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषायी व ऐतिहासिक समानता को सुचारू कर दिया है।