विधवा की जमीन लिखाने से पूर्व अनुमंडलाधिकारी की अनुमति जरूरी संबंधी डीएम के आदेश पर राज्य सरकार से जबाब तलब

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पटना, 18 अप्रैल (हि.स.) । पटना हाई कोर्ट ने विधवा की जमीन लिखाने के पहले अनुमंडल पदाधिकारी से अनुमति लेने के मामले में राज्य सरकार से 29 अप्रैल तक जबाब तलब करते हुए स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। न्यायमूर्ति ज्योति शरण तथा न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण की खंडपीठ ने गुरुवार को एक मामले पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। आवेदिका की ओर से अधिवक्ता शम्भू शरण सिंह तथा चंद्रकांत ने कोर्ट को बताया कि बेतिया के डीएम ने एक आदेश जारी कर एसडीओ को निर्देश दिया है कि कोई भी विधवा द्वारा अपनी सम्पति के हस्तांतरण करने या बिक्रय दस्तावेज प्राधिकार पत्र तैयार करने के बाद दाखिल ख़ारिज के समय अनुमंडल पदाधिकारी या उनके समकक्ष पदाधिकारी से अनुमति मिलने के बाद ही निबंधन किया जाये।अधिकारी यह सुनिश्चित कर ले कि विधवा किसी दवाब तथा अनुचित प्रलोभन पर अपनी जमीन का निबंधन कर रही है या नहीं। उनका कहना था कि अपनी ही जमीन का निबंधन करने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी से अनुमति लेने का निर्देश कानूनन गलत है। यह आदेश ट्रांसफर ऑफ़ प्रॉपर्टी एक्ट सहित हिन्दू लॉ तथा रेजिस्ट्रेशन एक्ट में किये गए क़ानूनी प्रावधानों का खुला उलंघन है । इस प्रकार का निर्देश जारी करने का अधिकार डीएम और जिला निबंधक को नहीं है । वहींराज्य सरकार के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आलोक में यह आदेश जारी किया गया है। इस पर आवेदिका के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इस प्रकार का आदेश जारी करने का निर्देश नहीं दिया है । कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 29 अप्रैल को निर्धारित किया है।


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