वायुसेना ने सरकार को सौंपे बालाकोट हमले के सबूत
नई दिल्ली, 06 मार्च (हि.स.)। भारतीय वायु सेना ने केंद्र सरकार को पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए हवाई हमले से जुड़ी सेटेलाइट तस्वीरें सौंपी हैं जिनसे इस आतंकवादी अड्डे में हुई तबाही उजागर होती है। सरकार को सौंपे गए दस्तावेज में वायु सेना ने कहा है कि उसकी ओर से दागे गए 80 प्रतिशत बम निशाने पर लगे। इन तस्वीरों से हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से आतंकी अड्डे पर हुए नुकसान को छुपाने का भी खुलासा होता है। इन चित्रों में अड्डे के इमारत की छतों में छेद होने और वहां एक सामूहिक कब्र खोदे जाने का भी पता चलता है। मौके पर एम्बुलेंस और सेना के वाहन भी दिखाई दे रहे हैं।
वायु सेना के इन साक्ष्यों से पाकिस्तान के इस दावे की कलई भी खुल जाती है कि भारतीय हवाई हमला नाकाम रहा था। साक्ष्यों के रूप में वायुसेना की ओर से 12 उच्च गुणवत्ता वाले सेटेलाइट से प्राप्त चित्र सौंपे गए हैं। दस्तावेज के अनुसार भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट हवाई हमले में इजरायली स्पाइस-2000 बम गिराए थे। इन बमों से आतंकी ठिकानों की बिल्डिंग की छतों पर छेद हुआ और यह बम बिल्डिंग के अंदर जाकर बलास्ट हुए। इस बलास्ट से अंदर मौजूद आतंकी भी मारे गए।
हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान की ओर से ऐसा दावा किया गया था कि सभी बम जंगल में गिरे थे और इनसे कुछ पेड़ गिरे थे तथा जान-माल को कोई नुकसान नहीं हुआ था ।
पाकिस्तान के इस दावे को वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पिछले दिनों एक प्रेसवार्ता में खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि अगर भारतीय वायु सेना का निशाना चूक गया तो पाकिस्तान ने बदले में इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी योजना के तहत काम करते हैं तो अपना लक्ष्य हासिल करते हैं।
भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप को को निशाना बनाया था। भारत का मानना था कि यहां फिर से भारत में आतंकवादी हमले की साजिश रची जा रही थी और भारत ने अपने बचाव में गैर-सैन्य हमले की कार्रवाई को अंजाम दिया।
बालाकोट पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में है। यह हमला केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर पुलवामा में किए गए आत्मघाती हमले के प्रतिशोध में किया गया था। पुलवामा हमले में देश के 40 जवान मारे गए थे।
वायुसेना की ओर से दिए गए साक्ष्यों से कुछ दिन पूर्व इटली की पत्रकार फ़्रांसेस्का मारिनो ने बालाकोट में हुए नुकसान का ब्योरा दिया था । उसने बालाकोट और आसपास के लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से गुप्त भाषा का प्रयोग करते हुए जानकारी हासिल की।
एक वेबसाइट पर प्रसारित अपने लेख में उसने कहा कि चश्मदीद लोगों के अनुसार पाकिस्तानी सैनिकों ने इस अड्डे से 35 शवों को बाहर निकाला।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने उन्हें बताया कि बमबारी के तुरंत बाद स्थानीय अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए। सेना द्वारा उस क्षेत्र को पहले ही घेरे में ले लिया गया था। सैनिकों ने वहां पुलिस को प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं दी। सैनिकों ने राहत के लिए पहुंचे एंबुलेंस और चिकित्सा कर्मियों के मोबाइल कब्जे में ले लिए।
इतालवी पत्रकार ने भारतीय सूत्रों के हवाले से कहा कि युद्धक विमानों ने बालाकोट में एक मदरसा सहित चार इमारतों को नष्ट किया। मीडिया में मृतकों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जा रही है लेकिन वायुसेना को जो काम सौंपा गया था वह उसने पूरी तरह अंजाम दिया।