लोस चुनाव के संभावित उम्मीदवारों को लेकर भाजपा ने शुरू किया सर्वे
कोलकाता, 03 मार्च (हि.स.)। राज्य में 42 लोकसभा सीटों में से 23 पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखने वाली भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने उम्मीदवारों की जीत का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया है। प्रत्येक सीट पर टिकट के लिए 60 से 70 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। सभी ने अपनी-अपनी जीत का दावा भी ठोका है। ऐसे में पार्टी के लिए यह मुश्किल हो गया है कि किसे टिकट दिया जाए और किसे नहीं। इसके अलावा दूसरी पार्टियों से भाजपा में आने वालों को टिकट देने को लेकर पार्टी के अंदर गुटबाजी भी तेज है। ऐसे में प्रदेश इकाई ने एक सर्वे शुरू किया है ताकि इसका आकलन किया जा सके कि किसे टिकट देने पर जीत सुनिश्चित होगी। उसके बाद ही टिकट बंटवारे पर फैसला किया जाएगा। रविवार को प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर “हिंदुस्थान समाचार” को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि एक सीट के लिए 60-70 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। विशेष रूप से राज्य के उत्तरी और दक्षिणी भाग में, पार्टी टिकट वितरण पर आंतरिक असंतोष से जूझ रही है। उक्त नेता ने कहा, “यह अभूतपूर्व है कि हमें कुछ सीटों के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए हैं। दस साल पहले, हम लोगों को अपने टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए लोगों को खोजना पड़ता था। प्रदेश नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि पुराने लोगों को दरकिनार न किया जाए।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेताओं के साथ राज्य इकाई ने लोकसभा क्षेत्रों में इसकी संभावनाओं का आकलन करने के लिए एक बाहरी एजेंसी से सर्वे कराने को कहा है।
उक्त नेता ने कहा, “हमने उत्तर और दक्षिण बंगाल में 18-20 सीटों की पहचान की है, जहां हमारे जीतने की संभावना 70-80% तक है। यह अध्ययन पिछले कुछ चुनावों में उन सीटों पर हमारे प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए किया गया था।”
अमित शाह ने सितंबर 2017 में अपनी बंगाल यात्रा के दौरान, राज्य में 77,000 मतदान केंद्रों पर बूथ समिति के गठन का निर्देश दिया था, लेकिन पार्टी अब तक केवल 75 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर पाई है। उक्त नेता ने कहा,
“हम सभी बूथों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचने में सक्षम नहीं हैं। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में भाजपा के समर्थक हैं लेकिन लोग सत्तारूढ़ तृणमूल के डर से भाजपा के चुनाव समिति का सदस्य नहीं बनना चाहते हैं। इसीलिए जिन क्षेत्रों में समिति का गठन नहीं हो सका है वहां भी पार्टी को अच्छा वोट मिलने की उम्मीद है।”
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि उम्मीदवार की सूची बाहरी एजेंसी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सर्वे इनपुट के आधार पर तैयार की जाएगी।
उन्होंने कहा, “हमने सीटों और उम्मीदवारों की विनियोगिता का आकलन करने के लिए बाहरी और आंतरिक दोनों सर्वेक्षण शुरू किए हैं। सर्वेक्षण में एक सीट जीतने के लिए उम्मीदवार की क्षमता और उसकी लोकप्रियता जैसे पहलुओं को शामिल किया जाएगा। आंतरिक सर्वेक्षण और बाहरी एजेंसी के इनपुट के आधार पर हमारी उम्मीदवार सूची तैयार होगी। अगले सप्ताह से यह सर्वे शुरू हो जाएगा।”
आंतरिक असंतोष के बारे में पूछे जाने पर, विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और एक बार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जाती है तो हर सदस्य चुनाव में उसकी जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, राज्य इकाई हर लोकसभा सीट के लिए कम से कम तीन उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय इकाई को भेजेगी, जो इस मामले पर अंतिम फैसला लेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि पार्टी 23 सीटों पर जीत के अपने लक्ष्य के बावजूद सभी निर्वाचन क्षेत्रों में समान प्रयास कर रही है।
घोष ने कहा, “हमारे पार्टी अध्यक्ष ने हमें 23 सीटों का लक्ष्य दिया था, लेकिन अगर चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते हैं, तो हम कम से कम 26 सीटें जीतने की स्थिति में हैं।”
पार्टी की एक अन्य वरिष्ठ नेता के अनुसार राज्य इकाई ने पहले ही सीटों को ‘ए प्लस’, ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ के रूप में वर्गीकृत किया है। उन्होंने कहा, “चार श्रेणियों में निर्वाचन क्षेत्रों का वर्गीकरण पांच मानदंडों के आधार पर किया गया था – भाजपा की संगठनात्मक ताकत, जनसांख्यिकीय स्थिति (मुस्लिम, हिंदू और हिंदू शरणार्थी आबादी की संख्या), इसकी संगठनात्मक कमजोरी, भौगोलिक स्थिति और उम्मीदवार की क्षमता।”
पार्टी ने दार्जिलिंग और आसनसोल सीटों को सर्वेक्षण के दायरे से बाहर रखा है क्योंकि इन दोनों सीटों से मौजूदा सांसद एस एस अहलूवालिया और बाबुल सुप्रियो का टिकट तय है।
राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से, तृणमूल कांग्रेस ने 2014 में 34 सीटें हासिल कीं, कांग्रेस ने चार सीटें हासिल कीं, जबकि माकपा और भाजपा ने दो-दो सीटें जीतीं।