लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर वीवीपैट का इस्तेमाल होगा
अब प्रत्याशियों को पत्नी व पुत्रों की सम्पत्तियों का भी देना होगा ब्योरा
लखनऊ, 01 मार्च (हि.स.)। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। 27 फरवरी से आज तक राजनीतिक दलों से हुई मुलाकात के बाद उन्होंने गुरुवार को करीब 12 घंटे अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें चुनाव आचार संहिता को सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए।
योजना भवन में एक प्रेसवार्ता के दौरान शुक्रवार को उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा वीवीपैट और ईवीएम का प्रदर्शन सार्वजनिक तौर पर किया जा रहा है। वीवीपैट के प्रचार के लिए आयोग ने निर्देश दिया है। फार्म 26 में दिए गए शपथ पत्र में अब अपने पति, पत्नी व पुत्रों की संपत्ति के बारे में प्रत्याशी को ब्यौरा देना होगा। जिसमें पिछले पांच सालों की आय की विस्तृत जानकारी होगी। इसे आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग के लोग आसानी से मतदाता स्थल पर पहुंच सकें, इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। उन्हें कोई रोक ना पाए, यदि उन्हें कोई ऐसा व्यक्ति या कोई गुण्डा रोकता हुआ देखा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से खर्चा की सीमा तय करने, फोटो युक्त पहचान पत्र के अलावा अतिरिक्त पहचान पत्र को शामिल करने,कुछ राजनीतिक दलों ने फोटो मतदाता सूची नहीं होने की शिकायत, चुनाव आयोग से मतदान केंद्र रिहायशी क्षेत्र के करीब स्थापित किए जाने, विद्युत की सप्लाई ठीक करने, चुनाव में कोई व्यवधान उत्पन्न न होने तथा कुछ राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची से आधार कार्ड जोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि वोटिंग के दौरान गोपनीयता का पूरा ख्याल रखने, मोबाइल फोन को वहां रोक लगाने की मांग, वीवीपैट की वजह से अतिरिक्त समय लगने की वजह से समय में 1 घंटे की बढ़ोतरी करने की मांग भी की गई।
उन्होंने बताया कि प्रभारियों द्वारा निगरानी एवं सतर्कता के साथ प्रत्येक स्तर पर राजनीतिक दलों की चिंताओं का समाधान किया जाएगा। आदर्श आचार संहिता के कड़ाई से पालने करने के निर्देश दिए गए हैं कि उनका सही से पालन किया जाए और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जाए। इस दिशा में प्रत्येक शिकायत की कार्यवाही तत्परता से की जाए। उन्होंने बताया कि जिनका नाम मतदाता सूची में नहीं है वह लोग अभी भी अपना नाम जुड़वा सकते हैं। आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी, इसीलिए हम उस दिन को नेशनल वोटर डे मनाते हैं।
इस देश में ईवीएम पिछले 20 सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन ईबीएम को हम लोगों ने फुटबॉल बना दिया। कुछ स्वार्थी राजनीतिज्ञों ने रिजल्ट को जोक्स बना दिया है, उनके पक्ष में परिणाम आया तो सही है, नहीं आया तो गलत। यह दुर्भाग्य की बात है। सुनील अरोड़ा ने बताया कि विशेषज्ञों की कमेटी एक गठित की गई है। वह कमेटी 2010 से अभी तक काम कर रही है। ईवीएम में कोई दिक्कत नहीं है। उस कमेटी की जो भी सुझाव आता है, उसे लागू किया जाता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव के विधानसभा चुनाव में जिन प्रत्याशियों या राजनीतिक दलों के खिलाफ शिकायत हुई थी, उसमें क्या कार्यवाही हुई है इसकी जानकारी हमने कल जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ मीटिंग के दौरान ली है। आयोग ने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।