लन्दन के ‘कोबरा योद्धा’ अभ्यास में अब भारत नहीं भेजेगा एलसीए तेजस

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– अभ्यास में पांच एलसीए तेजस और अन्य लड़ाकू विमानों को भेजने का फैसला लिया था वायु सेना ने
– यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन, सऊदी अरब और बुल्गारिया देश की वायु सेनाएं अभ्यास में लेंगी हिस्सा
नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का असर लन्दन के वैडिंगटन में होने वाले बहुराष्ट्रीय ‘कोबरा योद्धा’ अभ्यास पर भी पड़ा है। 06 से 27 मार्च तक होने वाले इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना के पांच लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस और अन्य लड़ाकू विमानों को भी हिस्सा लेना था लेकिन अब भारत ने अपने विमानों को अभ्यास में न भेजने का फैसला लिया है। एलसीए तेजस के लिए पहला मौका था जब उसे किसी अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में हिस्सा लेना था। हालांकि, लड़ाकू एलसीए तेजस मार्क-वन ने पिछले माह सिंगापुर एयर शो के दौरान लो-लेवल एयरोबैटिक्स डिस्प्ले में हिस्सा लेकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया था।
रॉयल एयरफोर्स का ‘कोबरा योद्धा अभ्यास’ इस बार 7 मार्च से 25 मार्च तक लन्दन के वैडिंगटन में आयोजित होने वाला है। अभ्यास ‘कोबरा योद्धा’ रॉयल एयर फ़ोर्स (आरएएफ) के सबसे बड़े वार्षिक अभ्यासों में से एक है। इस अभ्यास का उद्देश्य संचालनात्मक अनुभव प्रदान करना और भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना था, जिससे युद्ध क्षमता में वृद्धि और दोस्ती के बंधन मजबूत होते। इसीलिए भारतीय वायु सेना ने 05 तेजस मार्क-वन और 04 अन्य एयरक्राफ्ट भेजने का फैसला लिया था। यह एलसीए तेजस के लिए अपनी गतिशीलता और परिचालन क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए एक अच्छा मंच साबित होता। यह पहला मौका होता जब पहली बार भारतीय वायुसेना का तेजस विदेशी वायुसेना के साथ अभ्यास में भाग लेता।
वायुसेना प्रवक्ता के मुताबिक इस अभ्यास में भारत को पहली बार भाग लेना था। इसमें भाग लेने वाले अन्य देश यूनाइटेड किंगडम, स्वीडन, सऊदी अरब और बुल्गारिया हैं। यह अभ्यास भाग लेने वाली वायु सेना के बीच परिचालन क्षमता प्रदान करेगा और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करेगा, ताकि उनकी युद्ध क्षमता को और बढ़ाया जा सके और दोस्ती के बंधन को मजबूत किया जा सके। एलसीए तेजस पिछले कुछ वर्षों से भारतीय वायुसेना के आंतरिक अभ्यास और कई एयर शो में भाग ले रहा है। पिछले माह 15-18 फरवरी को हुए सिंगापुर एयर शो में 3 तेजस मार्क-वन ने हिस्सा लिया था। इससे अब भारतीय वायुसेना का इस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट पर विश्वास जगने लगा है।


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