रोहित शेखर मामला: पुलिस ने अपूर्वा से क्राइम सीन री-क्रिएट कराया
नई दिल्ली, 25 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मौत की गुत्थी सुलझाने वाली क्राइम ब्रांच ने उनकी गिरफ्तार पत्नी अपूर्वा के जरिए क्राइम सीन को री-क्रिएट कराया। साथ ही ड्राइवर अखिलेश और नौकर गोलू से उसका आमना-सामना कराकर कई सवालों के जवाब तलाशे। पुलिस ने इसके बाद अपूर्वा से अलग से भी पूछताछ भी की। पूछताछ की यह कार्रवाई करीब चार घंटे तक चली।
मामले की जांच में जुटी पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वारदात में अपूर्वा के अलावा किसी और का कोई रोल था या नहीं। वहीं यह भी जानना चाहती है कि अपूर्वा ने वारदात को अंजाम देने के बाद किसी से भी इस बारे में कुछ शेयर किया था या नहीं।
अगर किसी से घटना के बारे में शेयर किया था तो आखिरकार वह कौन सी बात थी, जिसे अपूर्वा ने किसी को बताया। इसके लिए पुलिस ने अपूर्वा और रोहित शेखर के फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड(सीडीआर) की बारीकी से जांच पड़ताल की। सीडीआर की जांच में यह खुलासा हुआ है कि उसने अपने किसी जानकार को फोन किया था।
अपूर्वा का जानकार तांत्रिक है
पुलिस जब इस सीडीआर के जरिए उस व्यक्ति तक पहुंची तो यह पता चला कि वह एक तांत्रिक है। उससे अक्सर अपूर्वा अक्सर सलाह लिया करती थी। जांच में यह भी पता चला कि सिर्फ अपूर्वा ही नहीं उसके परिवार के लोग भी उससे सलाह लिया करते हैं। खासतौर से समय कैसा है, इसे लेकर अपूर्वा एवं उसका परिवार इस तांत्रिक से पूछता है और उनके सलाह के हिसाब से काम करता है। इस कारण इस तांत्रिक पर भी पुलिस को किसी तरह का शक नहीं है।
चार घंटे में 40 सवाल
मामले की जांच में जुटी पुलिस ने क्राइम सीन री-क्रिएट कराने के बाद अपूर्वा से पहले उसके ड्राइवर व नौकर के सामने और फिर तीनों से अलग-अलग पूछताछ कर पूरे घटनाक्रम को दोबारा से समझने का प्रयास किया गया। इस दौरान उससे जहां घटनाक्रम से जुड़े तार्किक सवाल किए गए, वहीं कुछ काल्पनिक सवाल भी पूछे गए। क्राइम ब्रांच की मानें तो चार घंटे चली इस पूछातछ में करीब 40 सवालों अपूर्वा व उसके घर रहने वाले अखिलेश व गोलू से पूछे गए।
जांच के दौरान कैसे टूटी थी अपूर्वा
उधर क्राइम ब्रांच की मानें तो जब शक की सुई अपूर्वा, उसके ड्राइवर अखिलेश व नौकर गोलू के आसपास घूमने लगी तो तीनों से पहले अलग-अलग और बाद में एक साथ आमने सामने बैठाकर पूछताछ की गई थी। इस दौरान जिन सवालों का जवाब देते हुए अपूर्वा पुलिस को भटकाने का प्रयास करती थी। पुलिस उसके जवाब तलाशने के लिए उसके दोनों कर्मियों अखिलेश व गोलू को सामने बैठाकर पुलिस उनसे पूछताछ करती थी।
इस क्रम में ही जिस सवाल के जवाब को अपूर्वा टाल रही थी, उसे दोनों के सामने बैठाकर पूछा गया और उसकी गलत बयानबाजी की पोल सबके सामने खुल गई तो वह अंतत: टूट गई और उसने सभी के सामने जोर से चिल्लाते हुए यह कहा हां हमने ही रोहित को मारा है। मैंने ही उसका गला घोंटा है।
ऐसे अपूर्वा ने किया कत्ल
अपूर्वा जब उसके कमरे में घुसी तो वह पूरी तरह से शराब के नशे में था। लिहाजा उसकी हालत यह नहीं थी कि वह उठकर अपूर्वा से बात करने की स्थिति में था। लेकिन अपूर्वा उससे बात करने व महिला रिश्तेदार के साथ शराब पीने की बात को लेकर हर हाल में बात करना चाहती थी और उससे कुछ पूछना चाहती थी। इस बात को लेकर ही वह उसके साथ फीजिकल हुई और झगड़ा करते हुए उसने उसकी गर्दन पकड़ गई।
इसके बाद मुहं व नाक को दबाते हुए उसने गर्दन दबाते हुए उससे सवाल करना शुरू किया। इस दौरान ही रोहित की मौत हो गई। जब अपूर्वा को यह अहसास हुआ कि रोहित मर गया है तो वह परेशान हो गई लेकिन मामले पर पर्दा डालने की नीयत से वह सीधे अपने कमरे में चली गई और उसने इस बारे में किसी से भी कुद नहीं बताया।
गुमसुम रहने लगी है अपूर्वा
इस मामले का खुलासा होने के बाद गिरफ्तार की गई अपूर्वा अब बुधवार से ही गुमसुम रहने लगी है। वह बुधवार रात भी किसी से बात नहीं कर रही थी और आज भी जब पुलिस ने उसे अपने सामने बैठाया तो वह हां-नाम में जवाब दे रही थी ओर ज्यादातर समय वह पूरी तरह से सीरियस नजर आई। वह एकदम से गुमसुम थी। हर सवाल के जवाब में वह कहती कि अब क्या पूछना है। बार-बार एक तरह के सवाल क्यों कर रहे हैं।
ये हैं जांच के महत्वपूर्ण आधार-
परिस्थितजन्य साक्ष्य: जिस तरह से पुलिस की जांच में शक की सुई तीन लोगों के इर्द-गिर्द आकर टिकी और तीनों को लेकर हत्या के मोटिव(नफा नुकसान के कारण) को लेकर तफ्तीश की गई तो सबकुछ अपूर्वा पर आकर टिक गया और उसने हत्या की बात पूछताछ में अंतत: स्वीकार भी कर ली।
सीसीटीवी फुटेज: घर में लगे सीसीटीवी की फुटेज में अपूर्वा, अखिलेश व गोलू की मौजूदगी और पोस्टमार्टम में मौत का समय व फुटेज के मुताबिक अपूर्वा का वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार करना उसकी गिरफ्तारी का महतवपूर्ण आधार बना।
टाइमिंग का वैज्ञानिक विष्लेषण: मौत का समय व अपूर्वा की उपस्थिति का वैज्ञानिक विश्लेषण उसकी संलिप्तता का आधार बनी। मौत का वक्त व उसके कमरे में जाने का वक्त दोनों तकरीबन मैच करता है।