रोस्टर के खिलाफ डूटा की आक्रोश रैली का समर्थन करेंगे बहुजन शिक्षक

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नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.) । केन्द्र सरकार द्वारा 200 प्वाइंट पोस्ट आधारित रोस्टर पर अध्यादेश नहीं लाने से नाराज शिक्षक पांच मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के बैनर तले मंडी हाउस से संसद तक आक्रोश रैली निकालेंगे। शिक्षकों ने कहा कि जब तक सरकार आरक्षण व रोस्टर पर अध्यादेश नहीं लाती, बहुजन शिक्षकों का आंदोलन जारी रहेगा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने कहा कि सरकार द्वारा 200 प्वाइंट पोस्ट बेस रोस्टर पर अध्यादेश नहीं लाने पर शिक्षकों में आक्रोश है। देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों ने पांच मार्च 2018 के यूजीसी सर्कुलर को एक साल होने पर भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेश लाने की बात कहकर भी धोखा दे रही है। समीक्षा याचिका के खारिज होने के बाद मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक से पूर्व उसे एजेंडे में नहीं रखकर दलित और पिछड़े वर्गों के साथ धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि समीक्षा याचिका के खारिज होने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सुप्रीम कोर्ट के विभागवार रोस्टर लागू करने के लिए कहेंगे। इसलिए इसे रोकना बहुत जरूरी है। यदि यूजीसी सर्कुलर जारी कर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भेजती है तो विश्ववविद्यालय के विभागों व कॉलेजों को रोस्टर फिर से बनाना होगा। यह रोस्टर पहले कॉलेज को एक यूनिट मानकर वरिष्ठता के आधार पर 200 प्वाइंट पोस्ट बेस रोस्टर बनाया गया था, जिसे अब डिपार्टमेंट वाइज व सब्जेक्ट वाइज बनाया जाएगा। इस रोस्टर से सबसे ज्यादा नुकसान एससी, एसटी और ओबीसी के उम्मीदवारों को होगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर टीचर्स फोरम ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन खड़ा करने के लिए आठ मार्च को फिर से आर्ट्स फैकल्टी में मीटिंग बुलाई है। इसके बाद सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी, स्टेट यूनिवर्सिटी और अन्य यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को बुलाकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। यूजीसी एवं एमएचआरडी पर दबाव बनाकर 200 प्वाइंट रोस्टर को वापस कराया जाएगा, ताकि फिर से रोस्टर व विज्ञापन का भार उम्मीदवारों पर नहीं पड़े।


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