राष्ट्र की समस्याएं हल करने को अनुसंधान का विज्ञान मजबूत करना होगा: मोदी
प्रधानमंत्री ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में किया 106वीं विज्ञान कांग्रेस-2019 का उद्घाटन
जालंधर, 03 जनवरी (हि.स.)(अपडेट)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि देश और देश के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए वह अनुसंधान कार्यों मजबूत करने के लिया आगे आएं।
जालंधर-फगवाड़ा हाई-वे पर स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में शुरू हुई पांच दिवसीय इंडियन साइंस कांग्रेस 2019 का उद्घाटन करने के बाद देश-विदेश से आये वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कांग्रेस में शामिल होने का उन्हें एक स्वर्णिम अवसर मिला है और वह देश-विदेश से आये विज्ञानियों के बीच आकर बहुत खुश है। उन्होंने साइंस कांग्रेस एसोसिएशन को इस बात की वधाई दी कि उसने इस वर्ष इस कांग्रेस को’ फ्यूचर इंडिया-साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी’ के रूप में चुना है। उन्होंने कहा कि आज देश को खोज अर्थात अनुसंधान कार्यों की नितांत आवश्यकता है क्योंकि आधुनिक विज्ञान की सभी शाखाएं चाहे वह कृषि हो या फिर मेडिसिन साइंस और या फिर आर्थिकता, हर क्षेत्र का विकास खोज पर ही आधारित है।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र की वास्तविक शक्ति और मजबूती साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को लोगों के साथ जोड़ने में ही है। भारत के महान साइंटिस्टों जेसी बोस, सीवी रमन और अन्य वैज्ञानिकों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी विचारधारा कम से कम संसाधनों के साथ लोगों की सेवा करने की रही है। उन्होंने खोज के क्षेत्र और खोज कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘जय अनुसंधान’ का नारा देते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जिस तरह देश को अनाज की समस्या से निजात दिलाने और देश की बाहरी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘जय जवान-जय किसान ‘ का नारा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने जिस तरह देश में विज्ञान की तरक्की के लिए ‘जय विज्ञान’ का नारा दिया था, उसी तरह वह देश में खोजपरक परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए ‘जय अनुसंधान’ का नारा दे रहे हैं।
मोदी ने कहा कि देश ने ‘ईज आफ डूइंग’ बिजनेस इंडेक्स में महत्वपूर्ण तरक्की की है परन्तु ईज आफ लिविंग इंडेक्स के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वह सरल और सस्ती तकनीक का विकास करें ताकि आम से आम व्यक्ति भी उसका उपयोग कर सके, जो उसे टेक्नोलॉजी से जोड़ सके। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में भी बहुत तरक्की की है और गगनयान में 2022 में भारत तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है। हमें कृषक और आम लोगों के लिए व्यवसायिक इनोवेशंस का ईको सिस्टम निर्मित करना होगा, ताकि वैज्ञानिक उन्नति को सामाजिक विकास के साथ जोड़ा जा सके।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि उत्पादन, फ़ूड प्रोसेसिंग और इनके साथ जुड़े क्षेत्रों में और अधिक वैज्ञानिक खोज करने की आवश्यकता है। मोदी ने नोबेल पुरस्कार तीन विजेताओं प्रोफेसर थॉमस सूडोफ, प्रोफेसर अवराम हर्षको और प्रोफेसर डंकन हलदाने के साथ चाय पर चर्चा की और उन्हें उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी।
इस मौके पर एलपीयू के उपकुलपति अशोक मित्तल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने बीच यूनिवर्सिटी के कैंपस में पाकर और उनका स्वागत करके सभी बहुत ही प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि पांच दिवसीय इस साइंस कांग्रेस के दौरान बाल विज्ञान कांग्रेस और महिला विज्ञान कांग्रेस के दो सेशन महत्वपूर्ण और यादगारी होंगे।