राज्य पुलिस की निगरानी में ही होगा नगर पालिका चुनाव

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कोलकाता, 24 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में आगामी 27 फरवरी को आसन्न नगर पालिका चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं होगी। गुरुवार को राज्य चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है। कोर्ट ने आयोग को 24 घंटे के अंदर इस बारे में फैसला लेने को कहा था। उसी के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्णय लिया है कि नगर पालिका चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की जाएगी। आयोग ने कोर्ट को यह भी बताया है कि अगर चुनाव के दौरान किसी भी तरह की हिंसा होती है तो उसकी जिम्मेवारी राज्य चुनाव आयोग लेगा।
चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रत्येक जोन की निगरानी डीआईजी रैंक के अधिकारी को दी जाएगी जिसके अधीन चार से पांच जिले होंगे। मतदान केंद्रों पर सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती होगी जबकि मतदान केंद्रों के बाहर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित किया जाएगा। मतदान केंद्रों के आसपास शांति बहाली के लिए सशस्त्र पुलिस और अन्य पुलिस वालों को मिलाकर टीम बनाई जाएगी जो पूरे क्षेत्र में गस्ती लगाएगी।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में चार नगर निगमों में चुनाव के दौरान हुई हिंसा को आधार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। पार्टी ने दावा किया था कि आगामी 27 फरवरी को होने वाले राज्य की 108 नगर पालिकाओं के चुनाव में सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती होनी चाहिए। इसी मामले में एक दिन पहले कोर्ट ने 24 घंटे का समय दिया था और कहा था कि इस पर फैसला चुनाव आयोग ही लेगा। चुनाव के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो उसकी जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होगी।


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