राजधानी दिल्ली में अपराध का ग्राफ हुआ कम: पुलिस आयुक्त अस्थाना

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नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने गुरुवार को दावा किया कि राजधानी दिल्ली में अपराध का ग्राफ कम हो रहा है। दिल्ली में तीन लाख से ज्यादा एफआईआर 2021 में दर्ज हुई जिनमे से करीब 5500 गंभीर अपराध थे।
यहां जयसिंह रोड़ स्थित पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस की वार्षिक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आयुक्त अस्थाना ने कहा कि 2.87 लाख अपराध ऐसे हैं जो ज्यादा गंभीर नहीं थे। नौ हजार से ज्यादा झपमारी हुई है। सेंधमारी की 2630 घटनाएं हुई हैं। वाहन चोरी 37910 हुई हैं। अन्य चोरी के मामले 1.16 लाख से ज्यादा हुए हैं। वहीं हत्या में तीन फीसदी की कमी है।
उन्होंने कहा कि 2019 के मुकाबले 2021 में 15 फीसदी पीसीआर कॉल कम हुई हैं। 95 फीसदी गम्भीर अपराधों को सुलझाया गया। वहीं अपराध के मकसद से राजधानी में नौ फीसदी हत्याओं को अंजाम दिया गया। 36 फीसदी हत्याओं के कारण दुश्मनी रहा। इसके अलावा हत्या प्रयास में 35 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
झपटमारी के मामलों में हुई बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन ऐसी घटनाओं में गिरफ्तारी की दर में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है। दिल्ली पुलिस 13 फीसदी चोरी की गाड़ियां तलाश कर पाई है। वहीं नौ फीसदी मामले हथियार इस्तेमाल के मामले घटे हैं। उल्लेखनीय है कि अपराधों में 80 फीसदी से ज्यादा अपराधी पहली बार पकड़े गए, वहीं डकैती में 96 फीसदी, हत्या में 87 फीसदी, लूट में 82 फीसदी, रेप में 99 फीसदी, झपटमारी में 87 फीसदी, जबरन उगाही में 84 फीसदी, हत्या प्रयास में 84 फीसदी।
पुलिस आयुक्त ने आगे कहा कि गैंगवार को रोकने के लिए 2021 में 30 नए मकोका के मामले दर्ज किए गए। ड्रग्स के 566 मामलों में 857 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आर्म्स एक्ट के 2923 मामलों में 3527 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। 2021 में मुठभेड़ के दौरान सात कुख्यात बदमाश मारे गए हैं। 21 बड़े गैंग को चिन्हित कर उनके सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।
गंभीर अपराधों में सजा दिलवाने के मामलों में 28 फीसदी की वृद्धि हुई है। महिलाओं से दुष्कर्म के मामले में डेढ़ फीसदी आरोपित ही अनजान थे। महिलाओं के लिए पिंक बूथ खोले गए हैं। 48 पिंक बूथ अभी तक खोले जा चुके हैं। बुजुर्गों के खिलाफ अपराध में नौ फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।


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