यौन उत्पीड़न मामला : सीजेआई रंजन गोगोई को जांच समिति ने दी क्लीन चिट

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-जस्टिस एस.ए. बोब्डे की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने शिकायत को किया खारिज
नई दिल्ली, 06 मई (हि.स.)। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय आंतरिक पैनल ने चीफ जस्टिस को क्लीन चिट दे दी है। इस पैनल की अध्यक्षता जस्टिस एसए बोब्डे कर रहे थे। इस जांच पैनल में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिसइंदु मल्होत्रा शामिल थे।

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि आंतरिक पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 2003 के इंदिरा जयसिंह केस का हवाला दिया है। पैनल ने यह रिपोर्ट पिछले पांच मई को जस्टिस अरुण मिश्रा को सौंपी थी।

इस पैनल के समक्ष चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने भी अपना पक्ष रखते हुए आरोपों को खारिज किया था। पिछले 30 अप्रैल को आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने जांच पैनल के सामने अब आगे पेश होने से इनकार कर दिया था। उसने आरोप लगाया था कि उसके साथ उनकी वकील वृंदा ग्रोवर को जाने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है और न ही कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है।

महिला ने कहा था कि जांच पैनल ने दो मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स मंगवाने की मांग खारिज कर दी गई। महिला ने कहा था कि मुझसे कहा गया कि यह कार्यवाही विशाखा गाइडलाइंस के मुताबिक नहीं हो रही है। मैं अकेली थी और हमारे सामने सुप्रीम कोर्ट के तीन जज जिससे मैं नर्वस हो गई थी और अब आगे जांच पैनल के सामने नहीं जाऊंगी। महिला ने कहा था कि मुझसे इस कार्यवाही को मीडिया के सामने नहीं बताने को कहा गया। यहां तक कि अपने वकील से भी कार्यवाही को शेयर नहीं करने की बात कही गई।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब उक्त महिला ने सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को पत्र लिखकर शिकायत की। इस शिकायत की खबरें कुछ वेबसाईट्स में भी छपी थीं, जिसके बाद चीफ जस्टिस ने 20 अप्रैल को इस मामले पर आपात सुनवाई की थी।

 


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