यूपीटीईटीः देर से पहुंचे अभ्यर्थियों को नहीं मिला प्रवेश
-जिले में 89 केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच हो रही है शिक्षक पात्रता परीक्षा
वाराणसी, 23 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) रविवार को जिले में 89 केंद्रों हो रही है। पहली पारी की परीक्षा में मौसम के खराब रहने से देर से पहुंचे अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। इसको लेकर केंद्रों के बाहर अभ्यर्थी और उनके परिजन नाराजगी जताते रहे। वहीं, कई अभ्यर्थी परीक्षा केंद्रों में प्रवेश देने के लिए मिन्नतें करते रहे तो कुछ महिला अभ्यर्थी रोने भी लगीं। इसके बावजूद उन्हें नियमों का हवाला देकर प्रवेश नहीं दिया गया। कई अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से परीक्षा को रद्द कर फिर से कराने की मांग की। उनका कहना था का बारिश के चलते कीचड़ से आने में उन्हें देर हो गई।
रामनगर स्थित राधा किशोरी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, कमच्छा स्थित बेसेंट थियोसोफिकल हायर सेकेंड्री स्कूल और बुलानाला स्थित अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज परीक्षा केंद्रों में भी देर से पहुंचने वाले अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं मिल सका। वाराणसी के आसपास के जिलों सहित अन्य जगहों के कई अभ्यर्थी रोडवेज बस, ट्रेन से शनिवार देर शाम तक शहर में पहुंच गये थे। बारिश के चलते उन्हें रात गुजारने के लिए ठिकाना खोजने में काफी परेशानी हुई। परीक्षा के दोनों पालियों में कुल 83,579 अभ्यर्थियों को शामिल होना था।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. विनोद कुमार राय के अनुसार पहली पाली में प्राथमिक स्तर की परीक्षा सुबह 10 से 12.30 बजे तक 89 केंद्रों पर हुई। दूसरी पाली में 64 केंद्रों पर 2.30 से 5 बजे शाम तक उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा हो रही है, जिसमें 30 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए हैं। परीक्षा केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क की जांच के बाद अभ्यर्थियों को अंदर जाने दिया गया। हर केंद्र पर दो पर्यवेक्षक, एक सेक्टर मजिस्ट्रेट और जोनल मजिस्ट्रेट निगरानी करते रहे। यूपीटीईटी के लिए 22 से 24 जनवरी तक प्रदेश सरकार की ओर से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के नि:शुल्क यात्रा का निर्देश दिया गया है। अभ्यर्थियों के साथ आये परिजनों को टिकट लेना पड़ा। परीक्षार्थियों को नि:शुल्क यात्रा के लिए प्रवेश पत्र की एक फोटोकॉपी बस के परिचालक के पास जमा करनी पड़ी।