मोदी सरकार के खिलाफ 7 अगस्त से सड़क पर उतरेगी कांग्रेस
नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस ने मानसून सत्र की समाप्ति से पहले केंद्र की मोदी सरकार को सदन से सड़क तक घेरने की योजना बनाई है। सात अगस्त को ऑल इंडिया महिला कांग्रेस, 8 अगस्त को छात्र आक्रोश रैली, 9 अगस्त को यूथ कांग्रेस ‘नफ़रत छोड़ो गांधी संदेश यात्रा’ और सेवादल देशभर में ‘तिरंगा यात्रा’ निकालेगी।
पार्टी एक ओर जहां सत्र में राफ़ेल, बेरोज़गारी, किसानों और बैंकिंग घोटाले, एनआरसी पर केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है वहीं सड़क पर उतर कर ये मुद्दे उठाने का भी फैसला किया है। इसके तहत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 7 अगस्त को ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की ओर से महिला अधिकार सम्मेलन होने जा रहा है। इसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की प्रधान सुष्मिता देव करेंगी। राहुल गांधी भी इसमें शामिल होंगे और महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों को उठाएंगे।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) आगामी 8 अगस्त को छात्र आक्रोश रैली निकाल कर संसद का घेराव करेगा। संगठन ने राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस से मार्च निकाल कर संसद का घेराव करने का फैसला किया है। एनएसयूआई यूजीसी को ख़त्म कर शिक्षा का बाज़ारीकरण, सरकारी कालेजों को ख़त्म किये जाने का आरोप लगाते हुए छात्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर संसद का घेराव करेगी।
इसके साथ ही 9 अगस्त को यूथ कांग्रेस ‘नफ़रत छोड़ो गांधी संदेश यात्रा’ निकाल कर केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ मुद्दों को उठाएगी। यह यात्रा साबरमती आश्रम (गुजरात) से शुरू होकर राजस्थान-हरियाणा होते हुए 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली पहुंच राजघाट पर सर्वधर्म सभा के आयोजन के साथ सम्पन्न होगी।
अगस्त क्रांति के दिन 9 अगस्त को सेवादल देशभर में तिरंगा यात्रा निकालेगा। कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी भाई देसाई के अनुसार इस बार राजस्थान में एेतिहासिक यात्रा होगी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा को विदाई यात्रा के जवाब में देसाई ने कहा कि नफ़रत फैलाने वालों की विदाई तय करने के लिए सेवादल ने कमर कस ली है। इस यात्रा के ज़रिये नफ़रत फैलाने वाली ताक़तों को हराया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की दूसरी बैठक में आगामी विधानसभा-लोकसभा चुनाव के मद्देनजर असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी), बेरोज़गारी, राफ़ेल, बैंकिंग घोटाले जैसे मुद्दों पर सदन से सड़क तक आंदोलन करने का फैसला लिया गया है।