मेरठ क्षेत्र की संस्कृति को विश्व के सम्मुख लाएगी सरकार: आनंदी बेन पटेल

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मेरठ, 22 दिसंबर (हि.स.)। चौधरी चरण सिंह विवि के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि छात्र-छात्राएं अपने कार्यों से परिजनों को प्रसन्न और राष्ट्र को सम्मानित करें। अपने अथक प्रयासो से भारत को पुनः विश्व गुरूत्व के स्थान पर प्रतिष्ठापित करे। महाभारत सर्किट के रूप में मेरठ क्षेत्र की संस्कृति को विश्व के सम्मुख लाने के लिए सरकार कार्य कर रही है।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने चौधरी चरण सिंह विवि में कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्राओं को मिष्ठान व अन्य सामान वितरित किए। विवि में 1 लाख 27 हजार 961 छात्र-छात्राओं को उपाधियां वितरित की गई। जिसमें 42492 छात्र व 85496 छात्राएं है। कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि क्रांतिधरा मेरठ ने भारतीय संस्कति और विरासत को युगों से स्वयं में सहेज कर रखा है। भारतीय स्वातंत्र्य के राष्ट्रव्यापी आंदोलन को निर्देशित करने में मेरठ का अप्रतिम योगदान रहा है। यह चारों युगों का प्रतिनिधित्व करता है। सतयुग के रूप में भगवान परशुराम द्वारा स्थापित पुरा महादेव मंदिर लाखों श्रद्धालुओं का श्रद्धा केन्द्र है। त्रेता युग में श्रेष्ठ वास्तुविद्ध मयदानव की नगरी मयराष्ट्र के रूप में स्थापित होकर आज मेरठ के रूप में विख्यात है। द्वापर में विश्व के पहले सबसे बडे युद्ध की विभीषिका (महाभारत)) को इसने अपनी परिधि में समेटा था और समकालीन 1857 का स्वातंत्र्य समर का बिगुल भी सैनिकों ने सन्यासियों के नेतृत्व में यहीं से फूंका था। इस क्षेत्र की खेल प्रतिभाओ को ध्यान में रखकर उप्र सरकार ने मेजर ध्यानचन्द क्रीड़ा विश्वविद्यालय की भी स्थापना की है। सहारनपुर में मां शाकुम्भरी राज्य विवि की स्थापना की है। महाभारत सर्किट के रूप में क्षेत्र की संस्कुति को विश्व के सम्मुख लाने की महती योजना पर भी सरकार कार्य कर रही है।
राज्यपाल ने विवि के कार्यों को गिनाया
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि उप्र भारत के उन राज्याें में से एक है जिसने सर्वप्रथम शिक्षा नीति पर कार्यबल का गठन किया। उसके अनुरूप पाठयक्रम तैयार करवाकर उसे क्रियान्वित भी कर दिया। इस कार्य में चौधरी चरण सिंह विवि ने अग्रणी भूमिका निभाई है। कोविड-19 महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की विवि ने फीस माफ की है, बल्कि कपडों एवं पुस्तकों आदि के लिए एक कोष भी अपने शिक्षकों एवं कर्मचारियों के सहयोग से विकसित किया। सामाजिक दायित्वों की पूर्ति के लिए इस विवि ने पूर्व में ही गांवों को गोद लेकर उनके सर्वांगीण विकास की पहल की है। विवि के पुस्तकालय में एक लाख 62 हजार पुस्तके, 15 हजार थीसिस, 30 लाख ई-बुक के साथ-साथ विश्व की अनेक बडी पुस्तकें उपलब्ध है।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भारत ने नानाविध रूपों में विश्व का मार्गदर्शन किया है। इस बात को मैगस्थनीज से लेकर वर्तमान में नोम चोमस्की, नासा के डायरेक्टर जनरल तक मुक्त कंठ से स्वीकार कर चुके है। हमारी संस्कृत भाषा के महत्व ने प्राचीन समय से लेकर कम्प्यूटर के व्यवहार तक सबको अपनी ओर आकृष्ट किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सर्वाधिक उपयुक्त भाषा संस्कृत को ही माना गया है। क्योंकि यह अधिक तर्कपूर्ण एवं गणना योग्य और वैज्ञानिक है। इसका व्याकरण सबसे सटीक है। शिक्षा नीति के अनुरूप नवीन पाठयक्रमाें के निर्माण में भी हमारा प्रदेश सर्वप्रथम रहा है। अकादमिक सत्र 2021-22 से हमने स्नातक स्तर पर नवीन पाठयक्रमों को लागू कर दिया है और स्नातकोत्तर स्तर तथा आनर्स के पाठयक्रमों पर द्रुत गति से कार्य चल रहा है।

औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक एवं मुख्य अधिशासक प्रो. नागेश कुमार ने कहा कि विदेशों में भारत के प्रति लोगों की सोच बदली है और भारत की पहचान बढ़ी है। भारत के बारे में पहले नकारात्मक खबरे ही आती थी तथा भारत की छवि एक गरीब मुल्क की थी। अब भारत की छवि बदली है तथा भारत को आईटी का देश माना जाता है। गूगल, ट्वीटर, एडोब आदि वैश्विक कंपनियों के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारतीय मूल के है। भारत का वित्तीय समावेश बढ़ा है। भारत में प्रधानमंत्री जनधन योजना में 40 करोड़ खाते खुले हैं। उन्होंने सभी युवाओ से कहा कि वह भारत की उपलब्धियों पर गर्व करें तथा भारत के नवनिर्माण में सहायक बने। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान शिक्षा के कारण बढं रही है।


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