मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का तीसरा चरण शुरू
धमतरी, 11 जनवरी (हि.स.)।धमतरी ज़िले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है। सुपोषण अभियान के तहत जालमपुर वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक एक में कुल 158 हितग्राहियों को लक्षित किया गया है। इनमें तीन साल से कम उम्र के 28, तीन से छह साल के 37 कुपोषित, शेष 20 सामान्य वजन के बच्चे, 38 गर्भवती और 35 शिशुवती माताएं शामिल हैं।
इन्हें आंगनबाड़ी केंद्र में गरम पका भोजन में दाल, चावल, रोटी, आलू-बड़ी, नवल गोल और सेमी की सब्जी के साथ उबला अंडा परोसा गया। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए हितग्राहियों और बच्चों को बारी-बारी से खाना परोसा गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा सिन्हा और भारती यादव बताती हैं कि वार्ड में पहले से इसकी जानकारी दी गई थी, इस वजह से बच्चों के अभिभावकों सहित शिशुवती और गर्भवती माताओं में बहुत उत्साह भी था।
केंद्र में भोजन करने पहुंची छह माह की गर्भवती माधुरी नेताम प्रसन्न होकर कहती हैं, कि योजना के तहत उनके जैसी अन्य गर्भवती माताओं में काफी उत्सुकता है, क्योंकिप्रोटीनयुक्त भोजन से वे और उनकी आने वाली संतान दोनों को पौष्टिकता मिलेगी और दोनों स्वस्थ्य रहेंगे। एक माह के बच्चे की माता तामिनी साहू ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र में पौष्टिक भोजन खाने से वे ना केवल सेहतमंद रहेंगी, बल्कि ऐसा पौष्टिक भोजन बनाना भी सीखेंगी, ताकि भविष्य मेंअपनी संतान को भी ऐसा भोजन खिला सकें। केंद्र में पहुंची अन्य गर्भवती और शिशुवती माताओं ने भी यही बात कही। मालूम हो कि ज़िले के ऐसे 364 आंगनबाड़ी केंद्र, जहां बच्चों में कुपोषण का दर 13 प्रतिशत से अधिक है वहां 10 जनवरी से मुख्यमंत्री सुपोषणअभियान के तहत गरम पका भोजन में पौष्टिकता से भरपूर उबला अंडा अथवा सोयाबड़ी देने की शुरुआत की गई है।
इस दौरान नगरी परियोजना के 186, मगरलोड के 77, कुरुद के 66, धमतरी ग्रामीण के 29 और धमतरी शहरी परियोजना के छःआंगनबाड़ी केंद्रों में छह माह से तीन साल तक के 1577 मध्यम और गंभीर कुपोषित, तीन साल से छह साल तक के 1148 मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों सहितइसी उम्र के सामान्य वजन के 4462 बच्चे, 1659 गर्भवती तथा 1224 शिशुवती माताओं को लक्षित कर गरम पका भोजन और प्रोटीनयुक्त अंडा/सोयाबड़ीदिया जा रहा है। कलेक्टर पीएस एल्मा ने इन केंद्रों सहित अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों में भी आने वाले बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर करने महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले को दृढ़निश्चय के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साथ ही कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए भी तय प्रोटोकाल का पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखंड के 186 केंद्र, जहां योजना का तीसरा चरण शुरू हुआ है। उनमें से कुकरेल पंचायत के आश्रित ग्राम बांसपारा में भी हितग्राहियों को गरम पका भोजन और साथ में उबला अंडा परोसा गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खेलिन नेताम बताती हैं कि छह माह से तीन साल के आठ मध्यम और गंभीर और तीन साल से छह साल तक की केंद्र आने वाली एक ही बच्ची, कुल नौ कुपोषित हैं। इस केंद्र के जरिए तीन से छह साल की उम्र के अन्य 29 सामान्य पोषण के बच्चे, छह गर्भवती और तीन शिशुवती माताओं को लाभांवित करने की योजना है।