‘मी टू आंदोलन’ का क़हर अमेरिकी मीडिया पर भी बरपा!

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वाशिंगटन (हिस): हालीवुड में ‘’मी टू’’ आंदोलन का क़हर अमेरिकी मीडिया पर भी ख़ूब बरपा । वाशिंगटन प्रेस क्लब में मंगलवार को यौन संबंधों की शिकार महिला और युवा पुरुष पत्रकारों ने अपने वरिष्ठ सहकर्मियों के साथ साथ राजनीतिक लोगों के काले कारनामों का बख़ूबी चित्रण किया। अपनी आपबीती सुनाते हुए कुछ महिला पत्रकार तो अपना रूदन रोक नहीं पाईं। इन यौन उत्पीड़न के चलते अनेक महिलाओं को रोज़गार से हाथ धोना पड़ा है। इन महिला पत्रकारों ने गत दिसम्बर में ‘’प्रेस फ़ारवर्ड’’ के रूप में एक हिमायती समूह खड़ा किया था। इस समूह की कुछ महिलाओँ ने अपनी आपबीती सुनाते हुए न्यूज़ रूम कल्चर में बदलाव लाने की माँग की है और महिलाओं को बराबरी के अधिकार दिए जाने पर ज़ोर दिया गया है। प्रेस फ़ारवर्ड समूह में फाक्स न्यूज़ के ग्रेचन कार्लसन, पी बी एस न्यूज़ आवर से सारा जस्ट, ए बी सी से जान डोनावन और एलीसन स्टीवर्ट को शामिल किया गया है। अपनी आपबीती सुनाने वाली महिला पत्रकारों में क़रीब क़रीब सभी इलेक्ट्रोनिक मीडिया–सी एन एन, ए बी सी, एन बी सी में विभिन्न पदों पर कार्यरत महिला पत्रकारों का कहना था कि यह दुर्भाग्य की बात है कि कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को राजनीतिकरण और इसे लिंग (जेंडर) के साथ जोड़ दिया गया है, जबकि यह सीधे-सीधे मानवाधिकार का विषय है।


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