मायापुरी स्क्रैप यूनिट को मिली राहत अगले आदेश तक रहेगी जारी :दिल्ली हाईकोर्ट
नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मायापुरी स्थित स्क्रैप यूनिट्स चलाने वालों को दी गई राहत जारी रखने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि अगले पांच अगस्त तक दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की ओर से हर व्यापारी पर एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को अपना सर्वे जारी रखने की अनुमति दे दी है। पिछले 27 अप्रैल को कोर्ट ने कहा कि एनजीटी ने आदेश दिया था कि प्रदूषण फैलाने वाली यूनिट्स पर कार्रवाई की जाए लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने बिना किसी जांच के ही हर यूनिट पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया।
कोर्ट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को मायापुरी के 800 स्क्रैप यूनिट्स के खिलाफ अगले आदेश तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था। दरअसल मायापुरी स्थित स्क्रैप यूनिट्स चलाने वालों ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की ओर से लगाए गए जुर्माने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पिछले 13 अप्रैल को मायापुरी के स्क्रैप यार्ड में सीलिंग करने पहुंची टीम के साथ स्थानीय लोगों ने हंगामा और तोड़-फोड़ किया था। पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों में झड़प भी हुई, जिससे कुछ लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद दिल्ली में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।
पिछले 11 अप्रैल को एनजीटी ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के चेयरपर्सन को तलब किया था। दरअसल पिछले मार्च में एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। 28 नवंबर,2018 को एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे दिल्ली के व्यस्त इलाकों में स्थित स्क्रैप यार्ड को दूसरी जगह शिफ्ट करें।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस बात को नोट किया था कि दिल्ली सरकार ने 40 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है, जिसमें 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन हैं। इन वाहनों को दिल्ली के मायापुरी स्क्रैप मार्केट में डंप किया जा रहा है। एनजीटी ने इस बात पर चिंता जताई थी कि प्रतिबंधित डीजल और पेट्रोल वाहनों के स्क्रैप के निस्तारण के लिए कोई नीति नहीं है। एनजीटी ने इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक संयुक्त कमेटी गठित करने का आदेश दिया था।
इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण विभाग और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं। एनजीटी ने पहले ही अपने आदेश में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। एनजीटी का यह आदेश एक अखबार में छपी खबर पर आया था। खबर में बताया गया था कि पुराने और प्रतिबंधित वाहनों के स्क्रैप के निस्तारण के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई है। एनजीटी ने खबर में छपे उस फोटोग्राफ का जिक्र किया, जिसमें मायापुरी स्क्रैप मार्केट में बड़ी संख्या में डंप किए गए वाहनों की तस्वीर लगाई गई है। स्क्रैप की वजह से सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है और घंटों वाहनों की लाईन लगी रहती है और इससे वायु प्रदूषण भी होता है।