मन की बात : प्रधानमंत्री सोमवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक करेंगे सेना को सुपुर्द
नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ सेना को सुपुर्द करेंगे। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक करार देते हुए देशवासियों से यहां आने और अन्य लोगों को प्रेरित करने के लिए मेमोरियल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने की अपील की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 53वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि आश्चर्य के साथ ही पीड़ा भी होती है कि देश में अब तक कोई राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं था। एक ऐसा मेमोरियल जहां राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके। उन्होंने कहा कि हम करोड़ों देशवासी इस राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को 25 फरवरी को हमारी सेना को सुपुर्द करेंगे। देश अपना कर्ज चुकाने का एक छोटा सा प्रयास करेगा।
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है।
दिल्ली में इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति के नजदीक में यह एक नया स्मारक बनाया गया है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का डिजाइन हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का कॉन्सेप्ट चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र और रक्षक चक्र। यहां एक सैनिक के जन्म से लेकर शहादत तक की यात्रा का चित्रण है। अमर चक्र की लौ, शहीद सैनिक की अमरता का प्रतीक है। दूसरा सर्कल वीरता चक्र का है जो सैनिकों के साहस और बहादुरी को प्रदर्शित करता है। यह एक ऐसी गैलरी है जहां दीवारों पर सैनिकों की बहादुरी के कारनामों को उकेरा गया है। इसके बाद, त्याग चक्र है यह चक्र सैनिकों के बलिदान को प्रदर्शित करता है। इसमें देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। इसके बाद रक्षक चक्र, सुरक्षा को प्रदर्शित करता है। इस चक्र में घने पेड़ों की पंक्ति है। ये पेड़ सैनिकों के प्रतीक हैं और देश के नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हुए सन्देश दे रहे हैं कि हर पहर सैनिक सीमा पर तैनात है और देशवासी सुरक्षित है।
मोदी ने कहा कि कुल मिला कर देखें तो राष्ट्रीय सैनिक स्मारक की पहचान एक ऐसे स्थान के रूप में बनेगी जहां लोग देश के महान शहीदों के बारे में जानकारी लेने, अपनी कृतज्ञता प्रकट करने, उन पर शोध करने के उद्देश्य से आएंगे। यहां उन बलिदानियों की कहानी है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण नयौछावर कर दिए हैं ताकि हम जीवित रह सकें ताकि देश सुरक्षित रहे और विकास कर सके। देश के विकास में हमारे सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के महान योगदान को शब्दों में अभिव्यक्त करना संभव नहीं है।