मनोवैज्ञानिक मुग्दा बावरे की मौजूदगी से टीम को काफी फायदा हुआ : रमेश पोवार
हैमिल्टन, 11 मार्च (हि.स.)। भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रमेश पोवार का मानना है कि मौजूदा विश्व कप में मनोवैज्ञानिक मुग्दा बावरे की मौजूदगी से टीम को काफी फायदा हुआ है क्योंकि उन्होंने खिलाड़ियों को मैदान पर प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में अधिक आत्मविश्वासी बनने में मदद की है।
कप्तान मिताली राज और हरमनप्रीत कौर पहले ही बोल चुकी हैं कि बावरे ने मुश्किल दौर में उन्हें बदलने में मदद की है।
पोवार ने उदाहरण दिया कि कैसे पूजा वस्त्राकर और स्नेह राणा ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में टीम को मुसीबत से बाहर निकाला, जिसे भारत ने जीता।
उन्होंने कहा, “अगर आपको याद है कि हम खराब प्रदर्शन पर कैसे प्रतिक्रिया करते थे, तो मुझे लगता है कि पूजा और स्नेह ने खराब हालात से टीम को बाहर निकालकर दिखाया है कि यह मानसिकता का एक हिस्सा है और इसी मानसिकता को सकारात्मक बनाने का काम मनोवैज्ञानिक करते हैं। मुझे उम्मीद है इससे हमें सही परिणाम और मानसिकता हासिल करने में मदद मिलेगी।”
भारत को विश्व कप में अब तक पाकिस्तान के खिलाफ हार न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा है।
पोवार ने कहा कि बावरे ड्रेसिंग रूम में सुकून भरा माहौल बनाने में सफल रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि एक मुख्य कोच के रूप में, मुझे वह मदद चाहिए थी क्योंकि यह एक उच्च दबाव वाला टूर्नामेंट है, और हमारे इतिहास को देखते हुए, मैं चाहता था कि खिलाड़ी आराम से रहें, खासकर जब वे इस तरह के उच्च दबाव वाले टूर्नामेंट में खेलते हैं।”
बावरे भारतीय महिला टीम के साथ दौरे पर जाने वाली पहली मनोवैज्ञानिक हैं। वह राष्ट्रीय स्तर की पूर्व तैराक हैं और 2016 के रियो ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष और महिला कुश्ती टीमों, मुक्केबाजों और ट्रैक और फील्ड एथलीटों के साथ काम कर चुकी हैं। वह पूर्व में तीरंदाज दीपिका कुमारी के साथ काम करने के अलावा मुंबई क्रिकेट संघ से भी जुड़ी रही हैं।