भारत के इतिहास को प्रमाणिक तथ्यों और सही परिप्रेक्ष्य में पुन: स्थापित करने में ठाकुर राम सिंह का योगदान अविस्मरणीय : गोविंद ठाकुर
मंडी, 15 फ़रवरी (हि.स.)। भारत के इतिहास को प्रमाणिक तथ्यों और सही परिप्रेक्ष्य में पुन: स्थापित करने में ठाकुर राम सिंह का योगदान अविस्मरणीय है। यह बात शिक्षा एवं भाषा संस्कृति मंत्री गोविंद ठाकुर ने मंगलवार को ठाकुर राम सिंह राज्य स्तरीय जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने आशा जताई कि कार्यक्रम में प्रस्तुत शोध पत्र वैज्ञानिक और तार्किक अनुसंधान के मानकों पर खरा उतरते हुए सभी को मंडी के अप्रकाशित इतिहास से वाकिफ़ कराएंगे ।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि लोक संस्कृति और लोक गाथाओं के शोध व संकलन से इनमें व्यक्त मंडी जनपद के इतिहास की जानकारी मिलेगी जो सभी के लिए लाभप्रद होगी। उन्होंने इस समाज हितैषी पहल के लिए भाषा अकादमी और नेरी शोध संस्थान के प्रयासों की सराहना की।
अपने संबोधन में गोविंद ठाकुर ने कहा कि इतिहास शोध संस्थान नेरी ठाकुर राम सिंह की तपस्या का परिणाम है। देश-समाज को समर्पित उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणादाई है। उन्होंने युवाओं से महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके दिखाए रास्ते पर चल कर राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि मंडी में हिमाचल प्रदेश का दूसरा राज्य विश्वविद्यालय इसी साल पहली अप्रैल से काम करना आरंभ कर देगा।
कार्यक्रम में बीज व्याख्यान देते हुए ठाकुर जग देव चंद इतिहास शोध संस्थान नेरी, हमीरपुर के निदेशक डॉ. चेत राम गर्ग ने ठाकुर राम सिंह के जीवन वृत्त और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ठाकुर राम सिंह ने भारत के इतिहास को भारतीय विचार, दर्शन और दृष्टि के अनुरूप समझने-लिखने का काम किया है। 1915 में हमीरपुर जिले में जन्मे ठाकुर राम सिंह का संपूर्ण जीवन देश-समाज को समर्पित रहा है। वे भारत के इतिहास को सटीक तथ्यों और सही स्रोतों के साथ प्रस्तुत करने के लिए जीवनपर्यंत काम करते रहे। उनका संघर्ष सभी को राह दिखाने वाला है। उनकी प्रेरणा से ही भारत और मंडी की लोक संस्कृति और इतिहास पर चर्चा का ये कार्यक्रम हो सका है। उन्होंने समाज के चिंतन में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा ठीक होगी, तो समाज का चिंतन भी ठीक होगा।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने डॉ. चेत राम गर्ग द्वारा संपादित पुस्तक पावन पत्राचार ठाकुर राम सिंह को संबोधित श्री गुरु जी एवं एकनाथ जी रानडे के पत्र का विमोचन भी किया। उन्होंने मंडी की कला, संस्कृति और इतिहास को भाषा अकादमी के सहयोग से संजोने और बढ़ावा देने के शानदार काम के लिए मंडी के दो लोक संस्कृति कर्मियों दीक्षा शर्मा और पारुल को सम्मानित किया।
हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी और ठाकुर जग देव चंद इतिहास शोध संस्थान नेरी, हमीरपुर व वल्लभ कॉलेज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में मंडी जनपद का इतिहास एवं लोक संस्कृति विषय पर शोध पत्र वाचन एवं परिचर्चा की गई। जिसमें मंडी के साहित्यकारों व विद्वानों अपने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। वहीं विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन लखनपुर जम्मू के अध्यक्ष डॉ सुदर्शन गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इतिहास शोध संस्थान नेरी,हमीरपुर के डॉ राकेश शर्मा ने संस्थान की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया
कार्यक्रम में भाषा अकादमी के सदस्य आचार्य मनोज शैल ने छोटी काशी मंडी के इतिहास पर शोध पत्र पढ़ा । वल्लभ कॉलेज के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर महेंद्र कुमार ने इतिहास के पठन-पाठन के महत्व पर प्रकाश डाला। जबकि दूसरे सत्र में मंडयाली लिपि टांकरी पर जगदीश कपूर, लोक नाटय बांठड़ा का ऐतिहासिक परिपेक्ष्य और वर्तमान स्वरूप विषय पर मुरारी शर्मा, लोक गाथाएं हरीप्रिया शर्मा, मंडयाली लोकगीत रूपेश्वरी शर्मा, वेशभूषा एवं पहनावा पर कृष्णा ठाकुर और डा.राकेश कपूर, कृष्णचंद्र महादेविया आदि ने भी शोधपत्र प्रस्तुत किए। इस मौके दीक्षा शर्मा के निर्देशन में रानी खैरगढ़ी के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई।