भारत-ओमान की वायुसेनाओं के युद्धाभ्यास ‘ईस्टर्न ब्रिज’ के बाद आज से विदाई
जयपुर, 26 फ़रवरी (हि.स.)। भारत और ओमान के बीच आयोजित युद्धाभ्यास ईस्टर्न ब्रिज के छठे संस्करण का समापन हो गया। शनिवार से ओमान के बेड़े की विदाई शुरू हो गई। जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर 21 से 25 फरवरी तक आयोजित इस ड्रिल में शुक्रवार देर शाम तक दोनों देशों के लड़ाकू विमानों ने आसमान में चालीस हजार फीट की ऊंचाई पर काल्पनिक दुश्मनों को ढेर करने का अभ्यास किया।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने अभ्यास ‘ईस्टर्न ब्रिज’ के छठे संस्करण के लिए सुखोई -30 एमकेआई, जगुआर और मिराज -2000 लड़ाकू विमानों का एक बेड़ा तैनात किया गया था। ओमान अपने साथ अमेरिकी एफ 16 जेट लेकर आया था। अमेरिकी जहाज एफ 16 को भारतीय पायलट्स ने भी उड़ाया। इस दौरान काल्पनिक दुश्मनों को हवा में ही खत्म करने का अभ्यास किया गया। मिसाइल हमले को नाकाम करने की भी ड्रिल की गई।
इस अभ्यास की वजह से जोधपुर एयरपोर्ट से उड़ने वाली यात्री फ्लाइट के शेड्यूल भी बदले गए थे। कई फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया था। इसको लेकर नॉटम (वायुसैनिकों के लिए सूचना) जारी कर दिया गया था। कई फ्लाइट्स के कैंसिल या फिर डिलेड लैंडिंग का कारण किसी भी अनहोनी को रोकना था। नोटिस टू एडमिशन (नॉटम) के दौरान ताकीद दी गई थी कि हवा में केवल फाइटर प्लेन ही होंगे। इसके बाद जब फाइटर प्लेन ब्रेक के लिए उतरे थे, तब ही किसी यात्री विमान को जोधपुर एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति दी गई थी।
शनिवार को ओमान का बेड़ा यहां से रवाना होकर जामनगर एयर बेस होते हुए थमरेट एयरबेस पहुंचेगा। रक्षा प्रवक्ता के अनुसार इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों वायु सेनाओं की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में पारस्परिक आदान-प्रदान करना था। इस अभ्यास के दौरान दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वायु सेना स्टेशन जोधपुर का दौरा किया और आपसी सहयोग की आगे की संभावनाओं पर चर्चा की। अभ्यास ने अनुभव और परिचालन ज्ञान के पारस्परिक आदान-प्रदान के माध्यम से आईएएफ और आरएएफओ तत्वों के बीच उपयोगी बातचीत का अवसर प्रदान किया। इसने दोनों देशों के कर्मियों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर भी प्रदान किए। ओमान वायु सेना के बेड़े में कुल 130 स्टाफ तथा पांच एफ 16 लड़ाकू शामिल थे।