भाजपा शासित एमसीडी पर लगाया गंभीर आरोप
नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)।आम आदमी पार्टी का कहना है कि हर साल फंड न मिलने का रोना रोने वाली भाजपा शासित एमसीडी दिल्ली सरकार द्वारा 221.56 करोड़ रुपए मिलने के बावजूद मात्र 141.45 करोड़ ही खर्च कर पाई। दिल्ली हाई कोर्ट की बार-बार फटकार के बावजूद एमसीडी ने डेंगू की रोकथाम को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि एमसीडी की सारी कार्रवाई सिर्फ कागजों पर है।
उन्होंने कहा कि अपने निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण भाजपा एमसीडी में फेल हुई है। जनता चाहती है कि अब एमसीडी भाजपा के चंगुल से आजाद हो। यह बात बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कही।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अंदर प्राइमरी हेल्थकेयर और पब्लिक हेल्थकेयर सीधा-सीधा दिल्ली नगर निगम के अधीन आता है। चाहे डिस्पेनसरी का काम हो, चाहे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की रोकथाम हो, चाहे मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के लिए डीबीसी की नियुक्ति हो और चाहे फॉगिंग हो, यह सारा का सारा काम दिल्ली नगर निगम के अधीन आता है। पिछले दो महीनों में देखा गया है कि दिल्ली में डेंगू काफी फैला। बहुत लोग उससे ग्रस्त हुए जिसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने बार-बार एमसीडी की खिचाई की और डेंगू लेकर कड़ा रुख अपनाया।
आगे भारद्वाज ने कहा कि नॉर्थ एमसीडी के एलओपी की रिपोर्ट में दिए आंकड़े बताते कि साल 2017-2018 में दिल्ली सरकार ने निगम को 42.5 करोड़ रुपए दिए, जिसमें से इन्होंने मात्र 30.7 करोड़ रुपए ही खर्च किए। यानी कि इन्होंने 11 करोड़ रुपए बचा लिए। 2018-2019 में दिल्ली सरकार ने पब्लिक हेल्थ के तहत विशेषकर मलेरिया के लिए 44.5 करोड़ रुपए दिए, जिसमें से इन्होंने सिर्फ 23.2 करोड़ रुपए ही खर्च किए। 2019-20 में दिल्ली सरकार ने इनको 42 करोड़ रुपए दिए, जिसमें से इन्होंने मात्र 27.2 करोड़ रुपए ही खर्च किए।
साल 20-21 में दिल्ली सरकार ने इन्हें 46 करोड़ रुपए दिए लेकिन इन्होंने मात्र 36 करोड़ रुपए खर्च किए। और इस साल जब इन्होंने बार-बार हाई कोर्ट की डांट खाई और डेंगू के कारण हजारों लोग दिल्ली में बीमार हुए और बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई, इस साल दिल्ली सरकार ने इन्हें 46.28 करोड़ रुपए दिए लेकिन इन्होंने इसका आधा यानी कि मात्र 23 करोड़ रुपए ही खर्च किए।
इतना पैसा मिलने के बाद भी भाजपा के झूठ का यह आलम था कि दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष और एमसीडी के नेता बार-बार कहते रहे कि दिल्ली सरकार ने हमें पैसा नहीं दिया। जबकि असल में इन पांच सालों में जिस मद में इन्हें जो पैसा दिया है उसके अनुसार पिछले पांच सालों में 221.56 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार ने दिए, जिसमें से इन्होंने मात्र 141.45 करोड़ रुपए ही खर्च किए। यानी कि यह लोग करीब आधा पैसा ही खर्च कर पाए।