भविष्य में निर्माण जरूरतों को देखते हुए सरकार लाई ‘वैश्विक हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज’
नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। भविष्य में निर्माण क्षेत्र की चुनौतियों से नवीन एवं बेहतर ढंग से निपटने के लिए सोमवार को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने एक ‘वैश्विक हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज’ की घोषणा की। वैश्विक आवास प्रतियोगिता ‘प्रतिस्पर्धा भारत’ का आयोजन मार्च में किया जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनका मानना है कि जीएचटीसी-भारत चुनौती की पूरी प्रक्रिया आम आदमी के लिए सस्ते में आवास उपलब्ध कराने के सबसे नवीन, सरल, प्रभावी और उपयुक्त समाधान लाने के लिए एक अच्छी तरह से विचार एवं डिज़ाइन किया गया कार्यक्रम है।
पुरी ने कहा कि भवन निर्माण की तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव लाने की आवश्यकता है। देश में नए मकानों की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए क्षेत्र में नवाचार बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत शहरों में नए आवासों से जुड़ी बड़ी मांग सामने आ रही है। इसको पूरा करने के लिए परंपरागत तरीके नाकाफी हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शहरों में आवास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए तकनीकी विकास की बड़ी आवश्यकता है। हमें ऐसी तकनीक चाहिए जिससे कम लागत में तेजी से निर्माण किया जा सके। इसके अलावा क्षेत्र में बहुत बड़ी संभावनाएं भी हैं। उन्होंने ऐसी तकनीकी खोज की आवश्यकता पर बल दिया जो भारतीय जरूरत और परिस्थितियों के पूरी तरह से अनुकूल हो। इस अवसर पर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और मंत्रालय से जुड़े विभिन्न अधिकारी मौजूद रहे।