ब्रेक्सिट समझौता: थेरेसा मे ब्रिटिश संसद में परास्त, देना पड़ सकता है इस्तीफा
लंदन,16 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री थेरेसा मे को ब्रिटिश संसद में मंगलवार की देर रात ब्रेक्सिट समझौते प्रस्ताव पर हुए मतदान में मुंह की खानी पड़ी। ब्रिटिश संसद के निचले सदन ”हाउस ऑफ कॉमंस” में थेरेसा के ब्रेक्सिट समझौते के प्रस्ताव के पक्ष में 202 मत पड़े, जबकि विपक्ष में 432 मत पड़े। इससे थेरेसा मे की यूरोपीय संघ से अलग होने की योजना खटाई में पड़ गई है। उन्हें त्यागपत्र देना पड़ सकता है।
प्रतिपक्ष लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने थेरेसा मे की पराजय के बाद सदन में तत्काल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रेषित कर दिया है।
बीबीसी के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को चर्चा होगी। उधर यूरोपीय संघ ने अफसोस प्रकट करते हुए कहा है कि थेरेसा मे सरकार अपनी मंशा स्पष्ट करे। प्रस्तावित योजना के अनुसार ब्रेक्सिट से निकलने की तारीख 29 मार्च तय थी।
लेबर पार्टी के नेता ने कहा कि थेरेसा मे अपने सांसदों को विश्वास में लेने में विफल रही है। अब उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। थेरेसा मे अपने ही प्रस्ताव पर पराजय के बावजूद यूरोपीय संघ से अलग होने की बात करती हैं, तो यह निराशाजनक होगा। ब्रिटिश संसद में सरकार की इस ऐतिहासिक पराजय से दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होने की आशंका जाहिर की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि इस समझौते को लेकर पिछले 18 महीनों से चर्चा चल रही थी। इस पर गत नवम्बर में यूरोपीय संघ से अलग होने पर सहमति हुई थी। दिसम्बर में हाउस ऑफ कॉमंस में मतदान की तिथि तय थी, लेकिन पराजय के डर से थेरेसा ने वह तिथि और मतदान टाल दिया था।
यह खबर अमेरिकी मीडिया में प्रमुख तौर पर प्रसारित हुई है। वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि ब्रेक्सिट समझौता निहायत गलत था। इस समझौते के बारे में थोड़ी-सी भी राजनीति की समझ रखने वाला व्यक्ति कह सकता है कि यह एक अप्रिय समझौता था, जो लोकप्रिय सरकार की कमजोर नीति का परिणाम था।