बोधगया बम ब्लास्ट मामले में 5 आतंकी दोषी करार
पटना, 25 मई (हि.स.)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने आतंकियों द्वारा बिहार के बोधगया में श्रृंखलाबद्ध किए गए बम ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को पांच आतंकियों को दोषी ठहराया। एनआईए के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा की अदालत ने पांचों आतंकियों को दोषी ठहराया। सजा के बिंदु पर 31 मई को सुनवाई होगी और उसी दिन सजा सुनाई जाएगी। अदालत ने सभी आतंकियों को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाया। 7 जुलाई 2013 को बोधगया महाबोधि मंदिर तथा उसके आसपास हुए बम ब्लास्ट के मामले में स्थानीय बेउर जेल में बंद अजहरुद्दीन, उमर सिद्दीकी, इम्तियाज अहमद, हैदर अली तथा मुजीबुल्ला को कड़ी सुरक्षा के बीच एनआईए के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह की अदालत में पेश किया गया। बोधगया बम ब्लास्ट मामले के अभियुक्त छह आतंकियों में से एक तौफीक के नाबालिग होने के नाते उसे रिमांड होम में रखा गया है। तौफीक को जुवेनाइल कोर्ट से पहले ही तीन वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी है। एनआईए के स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ललन प्रसाद सिन्हा ने बताया कि 31 मई को सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद सभी आतंकियों को सजा सुनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जो धाराएं लगाई गई हैं उसके अनुसार आतंकियों को 9 वर्ष की सजा हो सकती है। सिन्हा ने बताया कि बोधगया बम ब्लास्ट मामले के ट्रायल के दौरान एनआईए ने विदेशियों समेत कुल 90 गवाहों को पेश किया था। उन्होंने कहा कि कुछ गवाह थाईलैंड से भी लाए गए थे। उल्लेखनीय है कि अजरुद्दीन और उमर सिद्दीकी को छत्तीसगढ़ के रायपुर से गिरफ्तार किया गया था, जबकि हैदर अली, मुज़ीबुल्ला और तौफीक को झारखंड के रांची से गिरफ्तार किया गया था। इम्तियाज अहमद की गिरफ्तारी उस समय हुई थी जब पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 के एक बाथरूम में उसके साथ का एक बम गलती से अचानक फट गया था। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान नरेन्द्र मोदी की गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को चुनावी सभा ‘हुंकार रैली’ में हुए श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के पहले ही इम्तियाज के पास पड़ा हुआ बम पटना जंक्शन के पास फट गया था। पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाकों में 5 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की पूछताछ में यह पता चला था कि हुंकार रैली और बोधगया में हुए बम ब्लास्ट में सिमी और इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। पूछताछ में इम्तियाज ने खुलासा किया है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का बदला लेने के लिए आतंकियों ने बोधगया में बम ब्लास्ट किया था। बोधगया बम ब्लास्ट में 3 मामले दर्ज किए गए थे, जिन्हें बाद में एनआईए ने सभी मामलों की एक साथ जांच की थी। इस मामले में एनआईए में गिरफ्तार सभी छह आतंकियों के खिलाफ 2 आरोप पत्र दाखिल किया। मामले में 3 वर्षों तक सुनवाई चली और 90 गवाहों के अलावा 200 दस्तावेज तथा कई अन्य साक्ष्य विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए। उल्लेखनीय है कि 7 जुलाई 2013 की सुबह महाबोधि मंदिर परिसर में और उसके आसपास श्रृंखलाबद्ध धमाके हुए, जिसमें दो बौद्ध भिक्षुओं समेत पांच लोग घायल हुए थे। बाद में एनआईए ने इस धमाके के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन को जिम्मेदार ठहराया था। जांच के दौरान यह पता लगा था कि बोधगया धमाके में इस्तेमाल किए गए बम के लिए 13 लोटस टाइमर गुवाहाटी की दुकान से खरीदे गए थे और गुजरात के राजकोट की एक फैक्ट्री में बनी घड़ियों का इस्तेमाल किया गया था। इस कार्य में प्रयुक्त सिलेंडर स्थानीय स्तर पर जुगाड़ किए गए थे। जांच के क्रम में यह भी पता चला कि पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली में हुए बम ब्लास्ट और बोधगया के बम ब्लास्ट में एक ही जैसे बमों और उसकी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। जांचकर्ताओं ने यह भी खुलासा किया था कि इंडियन मुजाहिद्दीन के रांची सेल ने विस्फोट किया है। उसका मास्टरमाइंड हैदर अली है। हैदर ने रांची सेल के इंडियन मुजाहिद्दीन के तहसीन अख्तर और इसी आतंकवादी संगठन के पाकिस्तान स्थित रियाज भटकल की सहायता से सारी योजना बनाई थी। हैदर का संपर्क इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ-साथ प्रतिबंधित सिमी आतंकी संगठन से भी था।