बैजलपुर की धापा देवी का जूनियर हॉकी इंडिया कैम्प के लिए चयन
सुविधाओं के अभाव के बावजूद धापा ने किया प्रदेश का नाम रोशन
फतेहाबाद, 9 जनवरी (हि.स)। म्हारी छोरियां के किसी से कम है, इसे चरितार्थ कर दिखाया है जिले के गांव बैजलपुर की बेटी धापा देवी ने। सुविधाओं की कमी के बावजूद बैजलपुर की इस बेटी ने हॉकी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, जिसकी बदौलत धापा देवी का चयन हॉकी इंडिया द्वारा 17 से 29 जनवरी तक साई सैंटर बैंगलुरू में लगने वाले जूनियर इंडिया हॉकी कैम्प के लिए किया गया है।
हरियाणा से एक अन्य खिलाड़ी पलक का भी इस कैम्प के लिए चयन हुआ है। धापा देवी के चयन की सूचना मिलते ही उसके परिजन व ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई। बैजलपुर खेल मदान के एनआईएस कोच रणवीर ओला ने बताया कि युवा खिलाड़ी धापा देवी इस समय चण्डीगढ़ साई सेंटर में तैयारी कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि धापा देवी अपनी प्रतिभा के दम पर जिले और गांव का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन करेगी।
सुविधाओं के अभाव के बावजूद किया प्रदेश का नाम रोशन
जिले के बैजलपुर गांव को हॉकी खिलाडिय़ों की नर्सरी कहा जाता है। यहां से निकाले दर्जनों खिलाडिय़ों ने अपनी प्रतिभा के दम पर देशभर में जिले व प्रदेश का नाम रोशन किया है। इसके बावजूद सरकार द्वारा गांव में खिलाडिय़ों की सुविधा के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है। ग्राम पंचायत व ग्रामवासी लगातार सरकार से गांव में सेंथेटिक हॉकी खेल मैदान की सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की मांग कर चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब 20 साल से बैजलपुर में हॉकी खेली जा रही है। बैजलपुर के हॉकी मैदान से सैंकड़ों लड़के व लड़कियां राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। हरियाणा की हॉकी में भी इस गांव के खिलाडिय़ों का अच्छा योगदान रहा है। खेल की बदौलत ही गांव के बहुत से युवा वर्तमान में विभिन्न विभागों में अग्रणी पदों पर विराज है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में नियमित रूप से 140 खिलाड़ी सुबह-शाम खेल का अभ्यास कर रहे हैं ेलेकिन यहां खिलाडिय़ों के लिए पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है। खिलाडिय़ों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा की तैयारी के लिए एस्ट्रो टर्फ तथा उच्च गुणवत्ता के सामान की आवश्यकता है।
ग्रामीणों की मांग है कि गांव में खिलाडिय़ों के लिए एस्ट्रो टर्फ व खेल नर्सरी को विकसित किया जाए ताकि गांव की आने वाली पीढ़ी उच्च प्रतिस्पर्धा के इस दौर में बेहतर तैयार की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवा सके। इससे न केवल गांव के अन्य युवाओं का रुझान खेलों के प्रति बढ़ेगा वहीं युवा पीढ़ी नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर होकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे पाएगी।
गांव के पुरुष व महिला खिलाडिय़ों ने किया नाम रोशन
गांव की महिला खिलाड़ी सुमिता नैन, ज्योति, सावी औला, पिंकी बलिहार, रीना मावलिया, सुनीता मावलिया, सुनीता, कविता नैन, सोनू औला, अलका नैन, धापा, रजनी, गीता जोगी, अंशु, पूजा, मोनिका, पूनम औला, पूनम, सुमन, पूनम औला, सुमन दुआ, सुमन, संतोष ने गांव और प्रदेश का नाम रोशन किया है। इसी तरह पुरुष खिलाडिय़ों में पवन औला, रण सिंह राणा, मनीष बिश्नोई, संदीप नैन, कुलदीप नैन, कर्मबीर सुंडा, सत्यवीर औला, अनिल औला, मोहनलाल औला, विक्रम मावलिया, दीपक थौरी, दयानंद, सुनील औला, जसवीर औला, निरंजन, भीम सिंह, सुरेन्द्र, विक्रम बैनीवाल और मनिन्द्र के नाम प्रमुखता से लिए जाते हैं। इसी तरह वेदप्रकाश, बलराम ढुकिया, वीर सिंह, संदीप औला, अजब दुआ, राकेश, आशीष औला, अनिल बलिहार, शमीम खान, संदीप, कुलदीप, अनिल भारी, राजेश मावलिया, हरीश राष्ट्रीय स्तर पर अपने शानदार प्रदर्शन से प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं।