बेगूसराय में आमने-सामने होंगे गिरिराज और कन्हैया,तनवीर बनायेंगे मुकाबले को त्रिकोणीय
बेगूसराय,29 मार्च(हि.स.)। लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है। चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए दो अप्रैल से नामांकन शुरू होगा लेकिन कई दशक के बाद बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र पूरे देश में चर्चित हो चुका है। महागठबंधन द्वारा शुक्रवार को बेगूसराय सीट से राजद प्रत्याशी तनवीर हसन के नाम की घोषणा होते ही यहां त्रिकोणीय मुकाबला के हालात बन गए हैं। एनडीए ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और देशभर में राष्ट्रवादी चेहरा के रूप में चर्चित केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। दूसरी ओर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जेएनयू प्रकरण को लेकर बहुत ही कम समय में देश भर में चर्चित हो चुके जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा है जबकि महागठबंधन ने चुनाव को त्रिकोणीय बनाने के लिए पिछले चुनाव के उप विजेता रहे राजद के वरिष्ठ नेता डॉ तनवीर हसन को बेगूसराय की कमान दी है। तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतरने से यह चुनाव पूरी तरह से ना केवल त्रिकोणीय हो चुका है बल्कि देश भर के लोगों की निगाहें इस पर टिकी हैं। सवर्णों का वोट एनडीए में जाने से रोकने के लिए सवर्ण मोर्चा ने भी अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारने की तैयारी की है। तो पिछड़े एवं वंचित समुदायों के मतों के ध्रुवीकरण के लिए बहुजन समाज पार्टी एवं शोषित समाज दल भी प्रत्याशी को मैदान में उतारेगा । फिलहाल अभी नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होने में तीन दिन का समय है। जिस तरह से चर्चा चल रही है उस आधार पर दस से अधिक प्रत्याशी मैदान में उतर कर तीनों प्रमुख प्रत्याशियों के वोट में सेंघ लगाकर बिखराव करने का प्रयास करेंगे। भाजपा ने जहां अपने फायर ब्रिगेड नेता को मैदान में उतार दिया है। राजद ने माय समीकरण के लिए तनवीर हसन को उतार कर कन्हैया जैसे चर्चित चेहरे को संसद में जाने से रोकने का प्रयास किया है जो राजद एवं वाम दलों के एक धड़े को पच नहीं रहा है। कांग्रेसी मौन धारण किये हुए हैं तथा कन्हैया की परेशानी भी बढ़ गई है। फिलहाल गांव से लेकर शहर तक के हर चौक चौराहे पर चुनाव का गुणा-भाग बैठाया जा रहा है। कुछ लोग जातीय समीकरण बैठा रहे हैं तो कुछ लोग क्षेत्रीय समीकरण बैठा रहे हैं। देश हित की बातें भी हो रही हैं तो देश हित में क्या है इसकी भी बातें हो रही हैं। एनडीए कार्यकर्ता वर्तमान सरकार के समय में किए गए जन कल्याणकारी, लोक कल्याणकारी मुद्दों को लेकर जनता के सामने जा रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि सरकार ने क्या किया और आगे क्या करने की मंशा है। एनडीए के प्रत्याशी गिरिराज सिंह ने बेगूसराय की सीमा में प्रवेश करते ही सबसे पहले कन्हैया के गांव से चुनावी दस्तक दी है। भाकपा एवं कन्हैया के समर्थक अपने चुनावी अभियान को गति दे चुके हैं। हर पंचायत में जाने की योजना बनाई गई है। गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी अपनी टीम के साथ अभियान में लगे हैं। राष्ट्रीय के साथ स्थानीय मुद्दों को उभारा जा रहा है। तनवीर हसन और राजद के समर्थक अपने तरीके से लोगों को अपनी ओर झुकाने के प्रयास में लग गए हैं। तनवीर हसन भी अपनी टीम के साथ जोर-शोर से लगे हुए हैं। अब देखना यह है कि यह चुनाव क्या गुल खिलाता है। एक तरफ राष्ट्रीय स्तर के ब्रांड नेम बन चुके गिरिराज सिंह हैं तो दूसरी और तीसरी ओर भाजपा को सत्ता में नहीं आने देने के लिए प्रयासरत कन्हैया और तनवीर हसन हैं।