बिहार के साढ़े 84 लाख किसान सम्मान योजना के लाभार्थी का होगा सोशल ऑडिट

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बेगूसराय, 15 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ लेने वाले फर्जी लाभार्थी सतर्क हो जाएं। योजना का उद्देश्य के अनुसार सफल क्रियान्वयन के लिए सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) कराया जाएगा। केंद्र से प्राप्त निर्देश के आलोक में 60 दिनों के अंदर पंचायती राज संस्थाओं के सहयोग से सोशल ऑडिट कराने का निर्देश कृषि विभाग बिहार के सचिव डॉ. एन. सरवण कुमार ने सभी जिला पदाधिकारी को दिया है।

पत्र में कहा गया है कि एक दिसंबर 2018 से बिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है तथा बिहार में 84 लाख 56 हजार किसान इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना में सभी रैयत किसान परिवार को आच्छादित किया जाना है, जिनके नाम से खेती योग्य भूमि रिकॉर्ड के अनुसार हो। केन्द्रीय प्रक्षेत्र की इस योजना में केंद्र सरकार योग्य किसान परिवार को प्रत्येक चार माह के अंतराल पर दो-दो हजार की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से खाते में उपलब्ध कराती है। योजना के सफल एवं त्रुटि रहित कार्यान्वयन के साथ ही लाभुकों का सत्यापन कराने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभुकों का सोशल ऑडिट पंचायती राज संस्थाओं के सहयोग से कराने का निर्देश केंद्र से मिला है। यह सामाजिक अंकेक्षण 60 दिनों के भीतर किया जाना है। सत्यापन के लिए लाभुकों की सूची राजस्व गांव एवं पंचायत स्तर पर प्रदर्शित किया जाएगा। सूची में जो योग्य रैयत किसान परिवार छुट गए हैं, उन्हें इस योजना में शामिल किया जाएगा तथा अपात्र किसानों की पहचान की जाएगी।

सोशल ऑडिट के लिए लाभुकों की सूची राजस्व ग्रामवार pmkisan.gov.in पर भी उपलब्ध है। सामाजिक अंकेक्षण का काम ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा तथा इसमें कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार एवं अन्य पदाधिकारी भी सहयोग करेंगे। सोशल ऑडिट पंचायत राज संस्थाओं की भागीदारी से 60 दिनों के अंदर पूरा कर रिपोर्ट भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के परिचालन दिशा-निर्देश के अनुसार योजना का लाभ संवैधानिक पदों के पूर्व और वर्तमान धारक, पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और लोकसभा एवं राज्य सभा, विधानसभा, विधान परिषदों के पूर्व एवं वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व एवं वर्तमान महापौर, जिला परिषद के पूर्व एवं वर्तमान अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार के मंत्रालयों, कार्यालयों, विभागों एवं फील्ड इकाईयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत अधिकारी एवं कर्मचारी केन्द्रीय या राज्य सार्वजनिक उपक्रम, संलग्न कार्यालय, स्वायत्त संस्थान और सरकार के अधीन स्थानीय निकाय के नियमित कर्मचारी (मल्टी टासकिंग स्टाफ, चतुर्थ श्रेणी, समूह कर्मचारी को छोड़कर), सभी रिटायर्ड पेंशनर्स जिनकी मासिक पेंशन दस हजार या उससे अधिक हो, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टड अकाउन्टेन्ट एवं आर्किटेक्ट तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक आयकर का भुगतान करने वाले को इसका लाभ नहीं दिया जाना है लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी किसान सम्मान प्राप्त कर रहे हैं। जिसके बाद अब सोशल ऑडिट कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि पंचायतों में होने वाले इस सामाजिक अंकेक्षण में मामलों का खुलासा हो सके।


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