बिक गया आरके स्टूडियो
मुंबई, 03 मई (हि स)। राज कपूर द्वारा स्थापित किए गए आरके स्टूडियो के बिकने की खबर को आज सार्वजनिक किया गया। इस स्टूडियो की जगह को गोदरेज कंपनी ने खरीदा है। ये सौदा कितनी रकम में हुआ है, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इतना बताया गया है कि मुंबई के चेंबूर इलाके के इस स्टूडियो की जगह अब वहां रिहायशी कांप्लेक्स बनाया जाएगा। ये स्टूडियो 2.20 एकड़ में फैला हुआ है। दो साल पहले, इस स्टूडियो के एक सेट पर भयावह आग लग गई थी, जिसमें स्टूडियो का एक हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इस अग्निकांड के बाद ही कपूर परिवार ने इसे बेचने की प्रक्रिया शुरु करते हुए एक प्रापर्टी एजेंसी को ये जिम्मेदारी दी थी, जिसने गोदरेज कंपनी के साथ ये सौदा तय किया। आरके स्टूडियो के बेचे जाने की खबर की पुष्टि करते हुए राज कपूर के सबसे बड़े बेटे रणधीर कपूर ने कहा कि ये उनके लिए दुखद दिन है, लेकिन इसे बेचे जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था। आर के परिवार का तर्क है कि इस दौर में स्टूडियो का संचालन और प्रबंधन आसान नहीं रहा है और ये बहुत खर्चीला हो गया है। ऋषि कपूर ने कहा था कि अग्निकांड में उनके पिता की फिल्मों में इस्तेमाल होने वाली ड्रेसेज और बाकी समान जलकर राख हो गया, जिसके बाद इसे फिर से पुरानी स्थिति में लाना असंभव हो गया था। मुंबई के प्रापर्टी डीलरों ने आरके स्टूडियो की कीमत बाजार भाव से 2600 करोड़ आंकी थी। रणधीर कपूर ने भी बिक्री से मिली रकम के बारे में कुछ कहने से मना कर दिया।
1948 में राज कपूर ने बतौर निर्देशक अपनी पहली फिल्म आग के साथ आर के स्टूडियो की स्थापना की थी। आग के बाद राज कपूर ने इसी स्टूडियो में बरसात, आवारा, बूट पालिश, जागते रहो, श्री420 जैसी सुपर हिट फिल्मों के साथ इस स्टूडियो को सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ाया। राज कपूर ने अपनी लगभग सभी फिल्मों की शूटिंग इसी स्टूडियो में की। हिना तक आरके की सभी फिल्मों की शूटिंग यहां हुई। राज कपूर के 1985 में निधन के बाद इस स्टूडियो में दूसरी फिल्मों की शूटिंग के लिए रास्ता खोला गया। आग लगने की घटना तक यहां फिल्मों और टीवी सीरियलों की शूटिंग हुआ करती थी। कहा जाता है कि राज कपूर ने अपनी अतिमहत्वांकाक्षी फिल्म मेरा नाम जोकर के बाक्स आफिस पर असफलता के बाद इस स्टूडियो का एक चौथाई हिस्सा बेचकर फिल्म के निवेशकों को राहत पंहुचाई थी। साथ ही निवेशकों के लिए अगली फिल्म के तौर पर राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को लांच करने के लिए बाबी फिल्म का निर्माण किया था, जो बाक्स आफिस पर बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी। इस स्टूडियो के पास ही देवनार में राज कपूर का बंगला था, जिसे देवनार काटेज का नाम दिया गया था। राज कपूर के निधन के बाद रणधीर कपूर और राजीव कपूर वहीं रहते थे, जबकि ऋषि कपूर अपने परिवार के साथ बांद्रा में अपने बंगले में शिफ्ट हो गए।