बस्तर में अपना अस्तित्व बचाने को नक्सलियों ने रणनीतियों में किया व्यापक फेरबदल

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छत्तीसगढ़/जगदलपुर, 23 अप्रैल (हि.स.)। बस्तर में अपना अस्तित्व बचाने के लिये नक्सलियों ने व्यापक तौर पर अपनी रणनीतियों में बदलाव करते हुए निचले कैडरों तक को हथियार बंद करने सहित कैडर में नये नक्सलियों को तैनात करने और बस्तर के दूरस्थ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सभी निर्माण कार्य बंद करने के फरमान जारी किया है। इसके साथ ही नक्सली अपने वजूद को बचाये रखने के लिये आने वाले दिनों में बड़ी वारदातों के माध्यम से दहशत फैलाने की कोशिश करें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। गृह मंत्रालय के अनुसार नक्सल प्रभावित 10 राज्यों में सर्वाधिक 89 घटनाएं छत्तीसगढ़ में होने के प्राप्त आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है। नक्सलियों के बदली हुई रणनीति के कारण बस्तर में अपने वजूद को बचाये रखने के लिये दक्षिण बस्तर के सुकमा एवं बीजापुर जिले को अपना आधार क्षेत्र बनाकर कार्य कर रहे हैं, जिसका असर विगत दिनों सत्तारूढ़ भाजपा के पदाधिकारियों की अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने के रूप में सामने आ चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीजापुर प्रवास के दौरान इस क्षेत्रों के भाजपा नेताओं की आयोजन से दूरियां बनाये रखने को भी नक्सली दबाव और दहशत के रूप में देखा जा सकता है।दूसरी ओर अपने वजूद को बचाये रखने के लिये बदली हुई रणनीति के तहत नक्सलियों द्वारा अपने उन पुराने एरिया कमेटी, डीवीसी मेम्बर एवं डिवीजनल कमेटी के अधिकतर लोगों को बदलकर उनके स्थान पर नये नक्सलियों की नियुक्ति किये जाने की खबरें हैं। पुलिस खुफिया सूत्रों की माने तो आने वाले छग के विधानसभा को ध्यान में रखते हुए तथा सिमटते जनाधार के चलते नक्सली अपनी रणनीति में लगातार बदलाव कर रहे हैं। नक्सलियों का मुख्य ध्येय बस्तर में अपने वजूद को पुन: स्थापित करने के लिये दहशत का वातावरण स्थापित करने की रणनीति पर कार्य करना है। बदली हुई रणनीति के तहत नक्सलियों ने अपने निचले संगठन को हथियार सौंपने के निर्णय से आने वाले दिनों में बस्तर में नक्सली वारदात बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। नक्सली आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व सत्ताधारी दल के नेताओं पर दबाव बनाने के लिये हमले करने की रणनीति पर भी कार्य कर रहे हैं। इसी कड़ी में दक्षिण बस्तर के क्षेत्रों में विगत दिनों नक्सलियों ने पर्चा चिपका कर यहां चल रहे समस्त निर्माण कार्यो को बंद करने को कहा। निर्माण कार्य बंद करने के फरमान को प्रभावी बनाने के लिये निर्माण कार्यों में लगे हुये वाहनों को आग के हवाले कर मजदूरों की पिटाई एवं इंजीनियर कासू की हत्या किये जाने से नक्सलियों की बदली हुई हिंसक रणनीतियों की पुष्टि होती है।


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